MCX Gold-Silver Price Today:नई दिल्ली। पिछले क्रिसमस के बाद से सोने की कीमतों में अभूतपूर्व तेज़ी देखने को मिली है। यह कीमती धातु अब तक पचास से अधिक बार नई ऊँचाइयों को छू चुकी है और वैश्विक अनिश्चितताओं के दौर में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली निवेश श्रेणियों में शामिल हो गई है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वैश्विक व्यापार व्यवस्था को नए सिरे से गढ़ने के आक्रामक प्रयासों ने सुरक्षित निवेश विकल्पों की मांग को और मज़बूती दी है, जिसका सीधा लाभ सोने को मिला है। Gold-Silver Price Today
बीते वर्ष इसी समय एमसीएक्स पर सोना लगभग 76,748 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर था, जबकि अब यह बढ़कर करीब 1,38,097 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। इस दौरान लगभग 80 प्रतिशत की छलांग ने बाज़ार विशेषज्ञों को भी अपने मूल्य अनुमान कई बार संशोधित करने के लिए मजबूर कर दिया है। पहले तय किए गए लक्ष्य अपेक्षा से पहले ही पार हो चुके हैं और विश्लेषकों का मानना है कि यह तेजी आगामी वर्ष में भी बनी रह सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी सोने की चमक फीकी नहीं पड़ी है। स्पॉट गोल्ड, जो एक वर्ष पहले 2,624 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के आसपास था, अब बढ़कर लगभग 4,479 डॉलर के स्तर पर पहुँच चुका है। इसका अर्थ है कि बीते बारह महीनों में इसमें करीब 71 प्रतिशत की मज़बूत बढ़त दर्ज की गई है। Gold-Silver Price Today
विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक व्यापार को लेकर अनिश्चितता और अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नरम मौद्रिक नीति ने सोने की मजबूती को लगातार सहारा दिया है। इतिहास गवाह है कि सोना संकट और अस्थिरता के समय निवेशकों के लिए भरोसेमंद ठिकाना रहा है। जब बाज़ारों में जोखिम बढ़ता है, तब निवेशक अपनी पूँजी की सुरक्षा के लिए इस धातु की ओर रुख करते हैं।
सोने में निवेश को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिला
पिछले एक वर्ष में रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य पूर्व में जारी संघर्ष, तथा अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक हालात को और जटिल बना दिया है। इसके साथ ही वर्ष 2025 में अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में की गई कई कटौतियों से बॉन्ड यील्ड में नरमी आई और डॉलर कमज़ोर हुआ, जिससे सोने में निवेश को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिला।
जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद, अमेरिका ने अनेक देशों पर ऊँचे टैरिफ लागू किए, जिससे दशकों पुरानी वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए। इन फैसलों ने बाज़ार में अनिश्चितता बढ़ाई और निवेशकों को सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर मोड़ा। इसी बीच, सोने के निर्यात पर संभावित प्रतिबंध और सोना-समर्थित मुद्रा को लेकर चर्चाओं ने भी इस धातु की माँग को और बल दिया। Gold-Silver Price Today
इसके अलावा, कई प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा रिकॉर्ड स्तर पर सोने की खरीद भी कीमतों में उछाल का बड़ा कारण बनी है। विदेशी मुद्रा भंडार को अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता से मुक्त करने के प्रयासों के तहत, केंद्रीय बैंक अपने भंडार में सोने की हिस्सेदारी लगातार बढ़ा रहे हैं। मार्च में यह खबर भी सामने आई कि ब्रिक्स देश—ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका—वैश्विक व्यापार में डॉलर के विकल्प के रूप में साझा मुद्रा पर विचार कर रहे हैं, जिससे सोने को लेकर उम्मीदें और प्रबल हुईं।
वर्तमान परिदृश्य में, 2025 सोने के लिए ऐतिहासिक वर्ष बनता दिख रहा है। कीमतों में लगातार वृद्धि ने इसे 1979 के बाद की सबसे बड़ी वार्षिक तेजी की राह पर ला खड़ा किया है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों ही बाज़ारों में सोने ने निवेशकों को आकर्षक प्रतिफल दिया है और आने वाले समय में भी इसकी भूमिका सुरक्षित निवेश के रूप में महत्वपूर्ण बनी रहने की संभावना है। Gold-Silver Price Today















