Old Vehicles News: पुराने वाहनों के मालिकों के लिए आई अच्छी खबर, अब कबाड़ में बेचने की जरूरत नहीं!

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Old Vehicles News: पुराने वाहनों के मालिकों के लिए आई अच्छी खबर, अब कबाड़ में बेचने की जरूरत नहीं!

Old Vehicles News: मुजफ्फरनगर, अनु सैनी। मुज्जफरनगर  जिले के करीब 1.62 लाख वाहनों के मालिकों के लिए राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने उन वाहनों को लेकर सुनवाई शुरू की है, जिनकी संचालन की तय मियाद पूरी हो चुकी है। यदि यह फैसला भविष्य में वाहन मालिकों के पक्ष में जाता है, तो उन्हें एक बार फिर एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में अपने वाहनों के संचालन का मौका मिल सकता है। मुज्जफरनगर समेत हरियाणा के अन्य जिलों को भी राहत मिलेगी।

गौरतलब है कि एनसीआर में फिलहाल 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लागू है। इस वजह से कई बार अच्छी हालत वाले वाहन भी सड़कों से बाहर हो जाते हैं। वाहन मालिक या तो इन्हें कबाड़ी को बेच देते हैं या फिर दूसरे राज्यों में भेज देते हैं। ऐसे में यह वाहन उनके लिए पूरी तरह निष्प्रयोज्य हो जाते हैं। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा है कि फिलहाल ऐसे वाहनों के मालिकों पर कोई कार्रवाई न की जाए। कोर्ट में आगे की सुनवाई के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी।

 मुज्जफरनगर में मियाद पूरी कर चुके वाहनों की स्थिति | Old Vehicles News

परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में अब तक 1.99 लाख वाहन तय समयसीमा पार कर चुके हैं। इनमें से
डीजल संचालित वाहन (10 साल पुराने) – 66 हजार
एंबुलेंस – 45
बस – 790
मालवाहक वाहन – 7716
मैक्स कैब – 29
व्यवसायिक चौपहिया – 711
थ्री-व्हीलर – 1240
ट्रैक्टर (व्यावसायिक) – 61
बड़े वाहन – 12
पेट्रोल संचालित वाहन (15 साल पुराने) – 1.26 लाख
कृषि वाहन – 48
बाइक/स्कूटर – 1,38,435
मोपेड – 5048
कार – 8026
थ्री-व्हीलर – 01

छह माह पहले भेजे गए थे नोटिस

परिवहन विभाग ने इन वाहनों के मालिकों को करीब छह माह पहले ही नोटिस जारी कर दिए थे। मालिकों से कहा गया था कि वे अपने वाहनों को स्क्रैप करा कर विभाग को सूचना दें या फिर एनओसी प्राप्त कर लें। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग को फिलहाल कोई कार्रवाई रोकनी होगी।

स्थानीय प्रतिक्रिया

एआरटीओ (प्रशासन) अजय कुमार मिश्रा का कहना है कि अभी मुख्यालय से इस संबंध में कोई आधिकारिक आदेश नहीं आया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कार्रवाई रोकने को कहा है। वहीं समाजसेवी प्रमोद कुमार का कहना है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की पहल पर यह मामला कोर्ट तक पहुंचा है। उन्होंने इसे वाहन मालिकों और किसानों की बड़ी जीत बताया। उनका कहना है कि यह आमजन की पुरानी पीड़ा थी, जिसे लेकर बार-बार धरना-प्रदर्शन भी किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम अंतरिम आदेश भले ही हो, लेकिन भविष्य में बड़ी राहत दिलाने वाला साबित हो सकता है।
कुल मिलाकर, सुप्रीम कोर्ट की यह सुनवाई और अंतरिम राहत जिले के हजारों वाहन मालिकों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है।