पत्रकार कल्याण समिति की रिपोर्ट पर विचार कर रही है सरकार

Journalist Welfare Committee

नई दिल्ली (एजेंसी)। सरकार ने आज कहा कि उसे पत्रकार कल्याण योजनाओं की समीक्षा के लिए गठित समिति की रिपोर्ट मिल गयी है और इस पर विचार किया जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डा एल मुरूगन ने गुरूवार को राज्यसभा में पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि पत्रकार कल्याण योेजनाओं की समीक्षा के लिए गत सितम्बर में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और इस पर विचार किया जा रहा है। पत्रकार कल्याण से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोरोना से प्रभावित पत्रकारों के परिवारों से मंत्रालय को 123 प्रस्ताव आर्थिक सहायता के लिए मिले थे और इन सभी को मंजूर कर इसके लिए 6 करोड़ 15 लाख रुपए की राशि जारी की गई है।

सोशल मीडिया पर महिला पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में पूछे गये प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि ये मामले भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आते हैं और यह राज्य सरकार का विषय है। भाजपा के अरूण सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के एक ट्विट का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने कहा है कि छात्र स्कूलों में बिकनी भी पहन सकते हैं तो उनके ट्विटर हैंडल के खिलाफ कब कार्रवाई की जायेगी। इसके जवाब में डा मुरूगन ने कहा कि फेक न्यूज और राष्ट्रीय संप्रभुता के विरूद्ध लिखने वालों के खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर तीन तरह की आचार संहिता है जिसमें एक तो व्यक्ति स्वयं नियमन करता है दूसरे अंतर विभागीय समिति नजर रखती है तीसरे सरकार भी कार्रवाई करती है।

उन्होंने कहा कि सरकार फेक न्यूज के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटती है और पिछले दो महीने के दौरान 60 से अधिक यू ट्यूब चैनलों को बंद किया गया है। इनमें से ज्यादातर पाकिस्तान प्रायोजित थे। इसके अलावा फेसबुक और इंस्टाग्राम प्लेटफार्म पर भी खातों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज पर अंकुश के लिए सरकार ने फेक्ट चेक यूनिट शुरू की है, जिसमें अब तक 13 हजार से अधिक मामलों में तथ्यों की जांच कर बताया गया है कि फलां समाचार फेक है और फलां सही है।

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