महंगाई को कम करने के प्रयास करे सरकार

Inflation Rate

भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई को कम करने के लिए महीनों इंतजार के बाद एक कदम उठाया है, जिस पर स्वाभाविक ही मिश्रित प्रतिक्रिया हो रही है। गौरतलब है कि मई 2020 से ही रिजर्व बैंक रेपो रेट को स्थिर रखे हुए था। कोरोना के शुरूआती दिनों में जब लॉकडाउन लगा था और उसके दुष्परिणाम सामने आने लगे थे, तब रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया था कि वह रेपो रेट को स्थिर रखेगा। रेपो रेट को स्थिर या न्यूनतम चार प्रतिशत पर रखने का मकसद था, बैंकों को आसानी से पर्याप्त नकदी मुहैया कराना। अब जब रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी गई है, तब बैंक पहले की तुलना में कम नकदी या पैसे रिजर्व बैंक से उधार लेंगे। इससे बैंकों के पास जब नकदी की कमी होगी, तब वे भी ब्याज बढ़ाएंगे या अगर ब्याज नहीं बढ़ाया, तो ऋण देने में कमी करेंगे।

ऋण देने में जब कमी आएगी, तब बाजार में अनेक वस्तुओं, जमीन-जायदाद की खरीद में भी कमी आएगी। जब खरीद में कमी आएगी, तब महंगाई भी कम होगी। स्पष्ट है कि कर्ज लेने वालों पर इसका भी कुछ न कुछ असर पड़ेगा। हालांकि रिजर्व बैंक ने महंगाई को थामने के इरादे से ये कदम उठाए हैं, लेकिन यह एक यक्ष प्रश्न बना रहेगा कि ऐसा हो पाता है या नहीं? यह प्रश्न इसलिए सिर उठाए रहेगा, क्योंकि उन कारणों का निवारण होता नहीं दिखता, जिनके चलते महंगाई बढ़ रही है। इन कारणों में एक बड़ा कारण यूक्रेन युद्ध है। फिलहाल कोई नहीं जानता कि यह युद्ध कब खत्म होगा? यदि यह युद्ध और अधिक लंबा खिंचा तो वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष उपजा संकट जस का तस बना रह सकता है। हालांकि इन हालातों के कयास पहले से लगने शुरू हो गए थे, जब कुछ समय पहले यूक्रेन-रूस में युद्ध छिड़ा था। यही हाल केवल भारत में नहीं बल्कि दुनिया भर में बने हुए हैं।

यदि हम पिछले कुछ दिन के भारतीय शेयर बाजार पर नजर दौड़ाएं, तो खरीद में भारी गिरावट देखने को मिली है। रिजर्व बैंक ने जैसे ही रेपो रेट को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.40 किया, वैसे ही शेयर बाजार में बिकवाली चालू हो गई। अत: आज के समय में शेयर बाजार में अगर रेपो रेट में कमी की वजह से गिरावट आती है, तो इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। फिलहाल, यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि रिजर्व बैंक के प्रयास से महंगाई पर लगाम लगेगी। सरकार को इसके प्रति सजग एवं सक्रिय रहना होगा कि यह काम कैसे हो, क्योंकि खाद्य वस्तुओं में महंगाई का दौर जारी रहने की आशंका है। इसीलिए आवश्यक है कि सरकार पूरी गंभीरता से महंगाई को कम करने के लिए काम करे।

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