जीएसएम रांझा इन्सां उर्फ मोहरी राम इन्सां सचखंड जा विराजे

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सरसा। वो जीव बहुत ही भागों वाले होते हैं जो सतगुरु से सच्ची प्रीत लगाकर उसे अंतिम समय तक पूर्ण दृढ़ विश्वास के साथ निभाते हैं। ऐसी ही शख्सियत थे गुर सत् मस्त ब्रह्मचारी (जीएसएम) रांझा इन्सां उर्फ मोहरी राम (88), जो गत 23 अप्रैल 2023 की शाम 7 बजे अपनी स्वांसों रूपी पूंजी पूर्ण कर सतगुरु के चरणों में सचखंड जा विराजे। रांझा इन्सां अपने आखिरी वक्त तक पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर दृढ़ विश्वास के साथ मानवता भलाई और राम-नाम के सुमिरन में लगे रहे।

रांझा इन्सां उर्फ मोहरी राम इन्सां का जन्म सन् 1935 को गाँव मल्लेकां जिला सरसा में माता सुहागो बाई और पिता गोमा राम के घर हुआ। वे पांच भाइयों और एक बहन में से सबसे छोटे थे। 1967-68 में उन्होंने पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम की अनमोल दात प्राप्त की। इसके बाद वे रूहानी सत्संगों में आते और सेवा और सुमिरन में अपना समय लगाकर सतगुरु जी से अनमोल खुशियों के खजाने प्राप्त करते।

 रांझा इन्सां की ज्यादातर सेवा में ड्यूटी शाह मस्ताना जी धाम स्थित बाग में हुआ करती थी। इसलिए रांझा इन्सां को रांझा जी बाग वाले नाम से भी जाना जाता था। वे अपने अंतिम समय तक निरंतर मानवता की सेवा और राम-नाम के सुमिरन में तल्लीन रहे।

कशिश रेस्टोरेंट के पास शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर उनके पारिवारिक सदस्य, रिश्तेदार, डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट एवं साध-संगत ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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