GST Reforms 2025 India:नई दिल्ली। देश में लागू जीएसटी सुधारों का असर अब ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। नई कर संरचना के बाद विभिन्न श्रेणियों की गाड़ियों के दामों में उल्लेखनीय कमी आई है। एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, आगामी तीन से चार महीनों में लगभग 41 प्रतिशत उपभोक्ता नई गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं। GST News
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कर सुधारों की अनिश्चितता के कारण पहले 72 प्रतिशत ग्राहकों ने अपनी खरीद स्थगित कर दी थी, जो इस बात का संकेत है कि टैक्स नीति उपभोक्ता निर्णयों को सीधे प्रभावित करती है। ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ताओं की पसंद में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। अब सबसे अधिक रुचि हाइब्रिड वाहनों की ओर बढ़ रही है- करीब 38 प्रतिशत उपभोक्ता हाइब्रिड कारों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जबकि पेट्रोल वाहनों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहनों की 21 प्रतिशत है।
वहीं, एसयूवी वाहनों का चलन लगातार बढ़ रहा है। इस श्रेणी का हिस्सा वित्त वर्ष 2025 में भारतीय पैसेंजर व्हीकल मार्केट में 65 प्रतिशत तक पहुँच गया है। दिलचस्प बात यह है कि अब 34 प्रतिशत खरीदार कीमत या माइलेज के बजाय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। GST News
उपभोक्ताओं की सोच में परिवर्तन का संकेत
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और ऑटोमोबाइल उद्योग विशेषज्ञ साकेत मेहरा के अनुसार, “यह त्योहारी मौसम केवल बिक्री का अवसर नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं की सोच में परिवर्तन का संकेत है। हाइब्रिड गाड़ियों की बढ़ती लोकप्रियता, सुरक्षा के प्रति सजगता और प्रीमियम फीचर्स के लिए अधिक भुगतान करने की इच्छा, आधुनिक और जागरूक खरीदारों की नई पीढ़ी को दर्शाती है।”
मेहरा ने आगे कहा कि जीएसटी सुधारों से उपभोक्ताओं की क्रय क्षमता में वृद्धि हुई है और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने वाहन खोज की प्रक्रिया को अधिक सुगम बनाया है। इससे वाहन निर्माताओं (OEMs) के पास अपने ब्रांड मूल्य और प्रस्तावों को नए सिरे से परिभाषित करने का अवसर मिला है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि 35 प्रतिशत से अधिक ग्राहक अब हाई-एंड मॉडल के लिए अतिरिक्त कीमत चुकाने को तैयार हैं, जबकि 65 प्रतिशत उपभोक्ता 10 से 15 प्रतिशत अधिक मूल्य को स्वीकार्य मानते हैं।
साथ ही, 52 प्रतिशत ग्राहक वाहन खरीदने से पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जानकारी प्राप्त करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, यदि छोटी कारों पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी जाए, तो वाहनों की लागत में लगभग 1 लाख रुपये तक की कमी संभव है, जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में मांग में भारी वृद्धि देखी जा सकती है। GST News