नरमे पर गुलाबी सुंडी की मार, बेबस किसान दे रहे कीटनाशकों के छिड़काव पर जोर

Gulabi Sundi
किसान बोले : सुंडी टिंडे के अंदर होने के चलते उस पर नहीं हो रहा दवा का असर

किसान बोले : सुंडी टिंडे के अंदर होने के चलते उस पर नहीं हो रहा दवा का असर

ओढां (सच कहूँ/राजू)। विगत वर्ष की बजाय इस बार नरमे की फसल बेहद अच्छी दिख रही है, लेकिन गुलाबी सुंडी किसानों को दोहरी चपेट मार रही है। किसान सुंडी पर नियंत्रण करने हेतु कीटनाशकों के छिड़काव पर जोर दे रहे हैं, लेकिन सुंडी टिंडे के अंदर होने के चलते उस पर असर न के बराबर हो रहा है। परेशान किसानों को समझ नहीं आ रहा कि आखिर क्या किया जाए। गांव नुहियांवाली, रत्ताखेड़ा, जंडवाला जटान, चोरमार खेड़ा, मलिकपुरा व ओढां सहित अन्य गांवों में नरमे की फसल पर गुलाबी सुंडी का काफी प्रकोप देखा जा रहा है। Gulabi Sundi

गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए किसान एक सप्ताह के भीतर कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन फिर भी निजात नहीं मिल रही। नुहियांवाली के किसान डॉ. जगदीश सहारण व चेतराम दादरवाल, ओढां के किसान कौर सिंह कुंडर, गुरचेत सिंह आदि ने बताया कि इस बार मौसम अनुकूल रहने व पर्याप्त बरसात होने के चलते फसल पूर्व ही अपेक्षा बेहद अच्छी है, लेकिन गुलाबी सुंडी का प्रकोप बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसान सुंडी पर नियंत्रण करने हेतु महंगे कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन फिर भी नियंत्रण नहींं हो पा रहा। सुंडी मर नहीं रही और टिंडे गलकर खराब हो रहे हैं। ऐसे में उत्पादन पर काफी विपरीत असर पड़ेगा।

किसानों ने बताया कि सुंडी की रोकथाम के लिए वे एक सप्ताह के भीतर छिड़काव कर रहे हैं। वे 8 से 10 बार छिड़काव कर चुके हैं, लेकिन फिर भी सुंडी का ख्रात्मा नहीं हो रहा। उन्होंने बताया कि छिड़काव में प्रति एकड़ करीब 2 हजार रुपये का खर्च आ रहा है। ऊपर से इस बार मजदूर भी एक हजार रुपये क्विंटल चुगाई मांग रहे हैं। विगत वर्ष 850 रुपये का रेट था। ऐसे में किसान दोहरी मार झेल रहे हैं। किसान जगदीश सहारण ने बताया कि वह अब से पहले 10 बार नरमे में छिड़काव कर चुका है तथा 2 छिड़काव और होंगे। लेकिन फिर भी सुंडी का खात्मा नहीं हो पा रहा।

ये करें उपचार :-

कृषि विभाग ओढां के कार्यवाहक खंड कृषि अधिकारी पवन यादव ने बताया कि अपने खेतों में नरमे के 100 फूलों का निरीक्षण करें। यदि इनमें करीब 10 फूल गुलाबी सुंडी से ग्रसित मिलते हैं या फिर 20 टिंडों को फाड़कर देखने पर कुछ टिंडों में गुलाबी सुंडी मिलती है तो कीटनाशक के छिड़काव की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि गुलाबी सुंडी का प्रकोप फलीय भागों पर 5 से 10 प्रतिशत तक होने पर रोकथाम के लिए प्रोफेनोफॉस 50 ईसी की 3 मिलीलीटर मात्रा प्रतिलीटर पानी की दर से छिड़काव करें। इसके बाद अगला छिड़काव जरूरत पड?े पर क्यूनालफॉस 20 एफ की 4 मिलीलीटर या थियोडिकार्ब 75 डबल्यूपी की 1.5 ग्राम मात्रा प्रतिलीटर की दर से 10-12 दिनों बाद करें। उन्होंने कहा कि एक ही कीटनाशक का बार-बार छिड़काव न करें। Gulabi Sundi

यह भी पढ़ें:– जानें ‘One Nation’, ‘One Election’ से क्या होगा फायदा, पहली बार कब हुआ ‘एक देश एक चुनाव’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here