H-1B Visa Renewal: नई दिल्ली। वर्षांत छुट्टियों के बीच सैकड़ों भारतीय एच-1बी वीज़ा धारकों के लिए यह समय भारी असमंजस और चिंता का कारण बन गया है। अमेरिका स्थित दूतावासों द्वारा अचानक वीज़ा नवीनीकरण से जुड़े अपॉइंटमेंट रद्द किए जाने के बाद अनेक भारतीय पेशेवर भारत में ही अटक गए हैं। US Visa News
इनमें से अधिकांश लोग लंबे समय से अमेरिका में रहकर काम कर रहे हैं और इसी महीने अपने कार्य वीज़ा के नवीनीकरण के लिए भारत आए थे। लेकिन उन्हें ई-मेल के माध्यम से यह सूचना दी गई कि “प्रशासनिक कारणों” और कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा परीक्षणों की आवश्यकता के चलते उनकी नियुक्तियां रद्द कर दी गई हैं।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नीति में हुए अचानक बदलाव के कारण 15 से 26 दिसंबर के बीच बड़ी संख्या में उच्च-कौशल कर्मचारियों के वीज़ा अपॉइंटमेंट निरस्त किए गए। आव्रजन विशेषज्ञों का कहना है कि इस अप्रत्याशित कदम से कई लोगों की निजी और पेशेवर ज़िंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई है। जिन कर्मचारियों के वीज़ा की अवधि समाप्त हो चुकी है, उन्हें अपनी नौकरी खोने का भी डर सता रहा है। ह्यूस्टन स्थित एक इमिग्रेशन लॉ फर्म से जुड़े वकीलों के मुताबिक, उनके ही सौ से अधिक क्लाइंट भारत में फंसे हुए हैं और अमेरिका लौटने को लेकर कोई स्पष्ट समय-सीमा सामने नहीं है।
अचानक बदलाव की वजह क्या है? | US Visa News
यह स्थिति एच-1बी वीज़ा व्यवस्था को लेकर अमेरिकी प्रशासन द्वारा किए गए हालिया सख्त फैसलों के बाद उत्पन्न हुई है। जुलाई में अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की थी कि 2 सितंबर से एच-1बी और एच-4 वीज़ा धारक किसी तीसरे देश या ऑनलाइन माध्यम से नवीनीकरण नहीं करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने मूल देश में ही प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
इसके बाद सितंबर में नए एच-1बी आवेदनों के लिए भारी शुल्क तय किया गया। दिसंबर की शुरुआत में प्रशासन ने एच-1बी और एच-4 वीज़ा धारकों की गहन जांच के नए नियम लागू किए, जिनमें सोशल मीडिया और डिजिटल गतिविधियों की समीक्षा भी शामिल है। अधिकारियों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कदम बताते हुए कहा कि अमेरिकी वीज़ा एक अधिकार नहीं, बल्कि विशेष अनुमति है।
अब अपॉइंटमेंट कब मिलेंगे? US Visa News
वर्तमान में अधिकांश वीज़ा नवीनीकरण की नई तारीखें मार्च से जून के बीच दी जा रही हैं। कुछ मामलों में तो आवेदकों को कई वर्षों बाद की तारीख भी मिल रही है। इस कारण एच-1बी कार्यक्रम, जो वर्षों से उच्च-कौशल विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में काम करने का अवसर देता रहा है, एक बार फिर विवाद के केंद्र में आ गया है। जहां कुछ दक्षिणपंथी समूह इस व्यवस्था को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, वहीं तकनीकी क्षेत्र की बड़ी कंपनियां इसे आवश्यक बताते हुए इसका समर्थन कर रही हैं।
सबसे अधिक असर किस पर?
इन फैसलों का सबसे गहरा प्रभाव उन मध्य-स्तरीय तकनीकी पेशेवरों पर पड़ा है, जो वर्षों से अमेरिका में बसे हुए हैं। वापस न लौट पाने के कारण वे अपनी कंपनियों के साथ वैकल्पिक कार्य व्यवस्थाओं पर विचार कर रहे हैं। कई परिवार कठिन निर्णयों के दौर से गुजर रहे हैं—कुछ माता-पिता बच्चों की पढ़ाई को लेकर असमंजस में हैं, तो कुछ परिवार अस्थायी रूप से अलग रहने को मजबूर हो गए हैं।
अमेरिकी आव्रजन एजेंसी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम में भारतीय नागरिकों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। बड़ी तकनीकी कंपनियां लंबे समय से इन कुशल पेशेवरों पर निर्भर रही हैं, जिससे यह मुद्दा और भी संवेदनशील बन गया है। US Visa News















