सर्द हवाओं से छूट रही कंपकंपी, रात के तापमान में आई गिरावट

shivering cold sachkahoon

जमाव बिंदू की ओर बढ़ रहा पारा, छठे दिन भी घने कोहरे की आगोश में लिपटा रहा समूचा इलाका

हनुमानगढ़। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का असर हनुमानगढ़ में भी देखने को मिल रहा है। दिन भी में सर्द हवा चल रही है। दिन और रात के तापमान में गिरावट आई है। सोमवार की सुबह भी घने कोहरे में लिपटी नजर आई। कोहरे के कारण 100 मीटर की दूरी पर भी कुछ नजर नहीं आ रहा था। घने कोहरे के कारण ट्रेनें देरी से पहुंची। सुबह के समय चली सर्द हवाओं के कारण ठिठुरन ज्यादा बढ़ गई। बफीर्ली हवाओं के कारण सर्दी का जोर है। पारा जमाव बिंदू की ओर बढ़ रहा है।

सोमवार सुबह के समय किसी काम से निकले लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए। चाय की थडिय़ों पर लोग सर्दी से बचने के लिए चाय की चुस्कियों के साथ अलाव तापते नजर आए तो कई जने गर्म नाश्ता करते नजर आए। सर्दी के चलते मंदिरों में भी भगवान की मूर्ति को शॉल आदि ओढ़ाए गए हैं। ग्रामीण इलाके में तेज सर्दी के कारण खेतों में फसलों पर ओंस की बूंदें जम गई। कड़ाके की सर्दी में बाजार भी जल्दी बंद होना शुरू हो गए हैं। तापमान में आई गिरावट के कारण लोगों की कंपकंपी छूट रही है।

छठे दिन भी घने कोहरे की आगोश में लिपटा रहा समूचा इलाका

लोग सर्दी से बचने के लिए सुबह देर तक घरों में ही दुबके रहे। दिन में लोग धूप सेकते हुए दिखाई दिए। दुकानों के बाहर लोग अलाव जलाकर सर्दी से बचते दिखाई दिए। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि सार्वजनिक स्थानों पर भी अलाव जलाकर हाथ तापते नजर आए। तेज सर्दी के पड?े के साथ ही लोगों की दिनचर्या और खानपान में भी बदलाव आ गया है। शाम को अंधेरा होते ही सड़कों पर सन्नाटा छाने लगा है। मौसम विभाग का दावा है कि मंगलवार से प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होने से सर्दी से राहत मिल सकती है। इस बीच पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिलों में मौसम शुष्क रह सकता है।

मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 27 दिसम्बर से न्यूनतम व अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी व कोहरा में कमी दर्ज होने की संभावना है। शेखावाटी क्षेत्र के जिलों में कहीं-कहीं शीतलहर 27-28 दिसम्बर को भी दर्ज होने की संभावना है। आगामी चार-पांच दिन राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा। उधर, कृषि अधिकारियों की मानें तो तापमान 0 डिग्री से नीचे आता है, तो सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। तापमान नीचे आने से सरसों की फसल की कोशिकाओं में बर्फ जमने से उनका द्रव्यमान बढ़ जाता है और फसल जलने लगती है। किसानों को 0.01 प्रतिशत गंधक के तेजाब का छिड़काव सरसों की फसल पर करना चाहिए।

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