US Court: चार लोगों की मृत्यु के आरोप में भारतीय मूल के व्यक्ति को दस वर्ष की सजा

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US Court: चार लोगों की मृत्यु के आरोप में भारतीय मूल के व्यक्ति को दस वर्ष की सजा

Indian-origin man to 10 years of imprisonment: न्यूयॉर्क। अमेरिका की एक संघीय अदालत ने भारतीय मूल के हर्षकुमार रमनलाल पटेल (Harshkumar Ramanlal Patel) को मानव तस्करी के गंभीर अपराध में दोषी ठहराते हुए दस वर्ष और एक माह की सजा सुनाई है। इस तस्करी योजना के चलते गुजरात के एक परिवार के चार सदस्यों की ठंड के कारण मृत्यु हो गई थी। US Court News

अमेरिका के मिनेसोटा राज्य के संघीय न्यायाधीश जॉन टुनहेम ने इस सजा की घोषणा करते हुए कहा कि आरोपी ने मासूम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया और उन्हें जिम्मेदारी से सुरक्षित सीमा पार कराने के बजाय मौत के मुंह में छोड़ दिया। इस प्रकरण में पटेल के एक साथी, स्टीव एंथनी शैंड (50 वर्ष) को भी छह वर्ष छह महीने की सजा सुनाई गई है।

यह दर्दनाक घटना 19 जनवरी, 2022 को घटी थी, जब गुजरात के डिंगुचा गांव निवासी जगदीश बलदेवभाई पटेल (39), उनकी पत्नी वैशालीबेन (37), और उनके दो छोटे बच्चे विहंगी (11) तथा धार्मिक (3), कनाडा के मैनिटोबा प्रांत से अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे। उस समय क्षेत्र में तापमान शून्य से 35 डिग्री नीचे था, और वे ठंड सहन नहीं कर सके। अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता लिसा किर्कपैट्रिक ने अदालत में कहा, “यह एक ऐसा मामला है जो मानवता को झकझोर देता है। दो मासूम बच्चों को बर्फीले तूफान में मरने के लिए छोड़ दिया गया – यह एक अमानवीय कृत्य था।”

अदालत में बताया गया कि सात अन्य लोग तस्करी प्रयास में जीवित बचे

अदालत में यह भी बताया गया कि सात अन्य लोग इस तस्करी प्रयास में जीवित बचे, जिन्हें बाद में अमेरिकी सीमा अधिकारियों ने खोज निकाला और बचाया। बचने वालों में से एक, यश पटेल, ने अदालत में गवाही दी कि उन्हें कनाडा की ओर छोड़ा गया था और कहा गया था कि “सीधी रेखा में चलो, वैन सामने इंतज़ार कर रही है।”

वैन चालक शैंड को अमेरिकी अधिकारियों ने पकड़ा, और उसी के आधार पर शेष तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। अधिकारियों ने बताया कि हर्षकुमार पटेल द्वारा संचालित यह नेटवर्क गुजरात के लोगों को कनाडा के रास्ते अमेरिका में घुसाने का धंधा करता था, जिनसे भारी रकम वसूली जाती थी।

कनाडा की सीमा पर इस त्रासदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। इस घटना के बाद अवैध प्रवास के विषय में कड़े कदमों की मांग तेज हो गई। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस संदर्भ में बयान देते हुए कनाडा पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी, यह आरोप लगाते हुए कि वह अवैध प्रवास रोकने में विफल रहा है। US Court News

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