हरियाणा में ग्रुप-सी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट नवंबर में होगा: सीएम

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सरसा (सुनील वर्मा)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ग्रुप-सी के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट नवंबर माह में होगा। इसके बाद ग्रुप-सी के लिए दूसरे लेवल का टेस्ट आयोजित होगा। यह घोषणा रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिरसा के चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए की। एसवाईएल निर्माण के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल इस मुद्दे पर बुरी तरह फंस गए हैं, उनके गले में ऐसी हड्डी फंस गई है कि न निगल सकते और न उगल सकते हैं। उन्होंने कहा के पंजाब के लोग ज्यादा पानी लगा रहे हैं इससे उनकी जमीन उपजाऊ नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि एसवाईएल में पानी आने से दिल्ली राज्य का भी फायदा होगा। इस दौरान सांसद सुनीता दुग्गल, विधायक गोपाल कांडा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.उमाशंकर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी भी उपस्थित थे।

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पंचायती राज चुनाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य चुनाव आयोग को 30 नवंबर तक पंचायती राज चुनाव करवाने के लिए लिखा है। पिछड़ा वर्ग-ए के आरक्षण व महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी को लेकर कुछ लोग न्यायालय में चले गए थे। सर्वोच्च न्यायालय से आदेश के बाद सरकार ने पिछड़ा वर्ग-ए के लिए पंचायती चुनाव में आरक्षण निर्धारित करने के लिए आयोग का गठन किया था। इसकी रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने अध्यादेश जारी किया है, जिसे राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। वार्डबंदी में रिजर्वेशन का कार्य जारी है।

जन संवाद कार्यक्रमों का सिलसिला जारी रहेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन संवाद कार्यक्रमों का सिलसिला जारी रहेगा। इससे पहले रोहतक व करनाल में जन संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। सिरसा में यह तीसरा कार्यक्रम था। जनता की शिकायतों को सुनने के लिए उपायुक्तों को भी प्रतिदिन 11 बजे से 1 बजे तक जन शिकायतों को सुनने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में सरकार द्वारा 25-25 करोड़ रुपये सड़कों की मरम्मत के लिए दिए जा रहे हैं। आगामी 19 सितंबर से प्रदेशभर के आढ़तियों के हड़ताल पर जाने के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दौर युग परिवर्तन का दौर है। ऐसे में बहुत सी सेवाएं आॅनलाइन हो रही हैं। ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार भी उसी का हिस्सा है। अब किसान अपनी फसल इसके माध्यम से केरल से असम तक के व्यापारी को बेच सकते हैं। जहां उसे फसल के अच्छे भाव मिलेंगे।

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