Jharkhand High Court: रांची। झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ी मेरिट सूची विवाद पर सोमवार को अहम निर्णय सुनाया। अदालत ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश डॉ. एस.एन. पाठक की अध्यक्षता में एक सदस्यीय तथ्य अन्वेषण आयोग (वन मैन फैक्ट फाइंडिंग कमीशन) गठित करने का निर्देश दिया है। यह आयोग तीन माह के भीतर जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करेगा। Jharkhand News
न्यायमूर्ति दीपक रोशन की एकल पीठ ने मेरिट सूची को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए लगभग 75 पृष्ठों के विस्तृत आदेश में कई दिशा-निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कितने अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई, कितने पद सरेंडर हुए और ऐसा क्यों किया गया—इन सभी पहलुओं की जांच आवश्यक है। इसी उद्देश्य से यह आयोग गठित किया गया है।
साथ ही, न्यायालय ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को फैक्ट फाइंडिंग काउंटर स्थापित करने का भी आदेश दिया, ताकि अभ्यर्थियों को भर्ती संबंधी सूचनाएं आसानी से प्राप्त हों और उन्हें बार-बार न्यायालय की शरण न लेनी पड़े।
याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि वर्ष 2016 की शिक्षक भर्ती मेरिट सूची में गंभीर अनियमितताएं हुईं। उनका कहना था कि कम अंक प्राप्त अभ्यर्थियों को चयनित किया गया, जबकि अधिक अंक लाने वाले कई उम्मीदवारों को सूची से बाहर कर दिया गया।
राज्य सरकार द्वारा दाखिल हलफ़नामे में भी पदों की संख्या को लेकर विरोधाभास सामने आया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार, इंद्रजीत सिन्हा और अपराजिता भारद्वाज ने पक्ष रखा, वहीं सरकार और जेएसएससी की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने तर्क प्रस्तुत किए। Jharkhand News