History and origin of Potato: कैसे इंडिया में आया सब्जियों का राजा ‘आलू’? बड़ी रोचक है कहानी, 8000 साल पहले इस देश में उगाया गया था

History and origin of Potato
History and origin of Potato: कैसे इंडिया में आया सब्जियों का राजा 'आलू'? बड़ी रोचक है कहानी, 8000 साल पहले इस देश में उगाया गया था

संजय कुमार मेहरा: History and origin of Potato: आलू… नाम सुनते ही हर किसी के मन में ढेरों स्वादिष्ट व्यंजन घूमने लगते हैं। चाहे पराठा हो या पकौड़ा, समोसा हो या फ्रेंच फ्राई, आलू हर भारतीय की थाली में सबसे पसंदीदा सब्जी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सब्जियों का राजा माने जाने वाला आलू भारत का मूल निवासी नहीं है? इसकी शुरूआत करीब 8000 साल पहले दक्षिण अमेरिका की एंडीज पर्वत श्रृंखला से हुई थी। वहां के इंका समुदाय ने सबसे पहले इसकी खेती की।

भारत में आलू का आगमन और विकास: भारत में आलू की एंट्री 17वीं शताब्दी में पुर्तगाली नाविकों के जरिए हुई थी। दक्षिण भारत की नीलगिरी पहाड़ियों में इसकी पहली फसल उगाई गई। ब्रिटिश शासन के समय यह पूरे उत्तर भारत में फैल गया और देखते ही देखते सब्जियों की रानी बन गया। आलू की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में जब कोई सब्जी न मिले, तो आलू को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाती है।

विश्व में आलू का महत्व: आज दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या आलू को मुख्य आहार के रूप में उपयोग करती है। विश्वभर में आलू की 5000 से अधिक किस्में पाई जाती हैं और 159 से ज्यादा देशों में इसकी खेती की जाती है। चीन और रूस के बाद भारत आलू उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। आलू को ‘सफेद सोना’ भी कहा जाता है क्योंकि यह कम लागत, कम मेहनत में अधिक उत्पादन देने वाली फसल है। यह पोषण के लिहाज से बेहद उपयोगी है।

अंतरराष्ट्रीय आलू दिवस की शुरूआत: संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2024 से हर साल 30 मई को अंतरराष्ट्रीय आलू दिवस मनाने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य आलू के पोषण, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व को वैश्विक स्तर पर रेखांकित करना है। इस वर्ष की थीम है—”इतिहास को आकार देना, भविष्य को पोषण देना”, जो आलू के ऐतिहासिक योगदान और भविष्य में इसके संभावित महत्व को दशार्ती है। History and origin of Potato

पोषण का खजाना है आलू: आलू केवल स्वाद नहीं देता, बल्कि यह स्वास्थ्य का खजाना भी है। इसमें विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शरीर में आयरन की कमी दूर कर आॅक्सीजन की आपूर्ति में मदद करता है। साथ ही, विटामिन-उ रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। गठिया, जलन और त्वचा संबंधी समस्याओं में भी कच्चा आलू कारगर माना गया है।

हरियाणा में आलू की खेती का केंद्र: हरियाणा में कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिले आलू की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं। कुरुक्षेत्र जिले में लगभग 5645 टन आलू का उत्पादन होता है। पीपली, शाहाबाद, रादौर और साढौरा जैसे क्षेत्र राज्य के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं। वैश्विक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2030 तक आलू का उत्पादन 750 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है। अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका इसके उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। यह फसल किसानों के लिए भी समृद्धि का माध्यम बन चुकी है। चाइलो द्वीप के आदिवासी समुदाय आज भी इसकी 91 देसी किस्मों की खेती कर रहे हैं।

पर्यावरण संकट में आलू की भूमिका: प्रसिद्ध पर्यावरण जीव विज्ञानी प्रो. राम सिंह के अनुसार, आलू भविष्य में खाद्य सुरक्षा का मजबूत स्तंभ बनेगा। इसके विभिन्न रूपों जैसे चिप्स, फ्राई, हलवा आदि से इसकी खपत और बाजार मूल्य दोनों बढ़े हैं। वर्ष 1845-51 के आयरलैंड के अकाल में आलू की कमी ने बड़ी मानवीय त्रासदी को जन्म दिया था। इसलिए इसे संरक्षित रखना और उसकी विविधता को बचाना आज की जरूरत है।

आलू आज सिर्फ सब्जी नहीं, बल्कि वैश्विक पोषण और खाद्य सुरक्षा का प्रतीक बन चुका है। भारत के लिए यह चौथी सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल है। आने वाले वर्षों में इसके उत्पादन, उपयोग और वैज्ञानिक शोध के माध्यम से यह फसल जलवायु परिवर्तन और कुपोषण से लड़ाई में अहम भूमिका निभाएगी। History and origin of Potato

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