पावन अवतार दिवस: आलौकिक ज्योत धरती पे आई

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी के पावन अवतार दिवस पर विशेष

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। जिला श्रीगंगानगर के एक छोटे से गांव श्रीगुरूसर मोडिया में परम पूज्य बापू नंबरदार मग्घर सिंह जी व परम पूज्य माता नसीब कौर जी इन्सां के घर 15 अगस्त 1967 को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने अवतार धारण किया। पूजनीय माता-पिता के घर 18 सालों बाद जन्म लेने पर खुशियों का आलौकिक नजारा पूरी कायनात में छा गया। वास्तव में गांव के ही आदरणीय संत त्रिवेणी दास जी ने आप जी के जन्म से पहले ही पूजनीय बापू जी और पूजनीय माता जी को बता दिया था आप जी के घर ऐसा-वैसा बच्चा जन्म नहीं लेगा, बल्कि वह तो मालिक का अपना ही रूप होगा, परंतु वह आएगा तब जब परमात्मा खुद उसे भेजेगा।’ और आखिर वो शुभ घड़ी आ गई जिसके लिए दुनिया भी पलकें बिछाए बैठी थी। पूर्ण मुर्शिद के अवतार धारण से चारों दिशाएं भी शंखनाद कर उठी। संत त्रिवेणी दास जी ने पूजनीय बापू जी को ये भी बताया कि यह आप जी के पास 23 साल की उम्र तक ही रहेंगे, फिर उस मालिक के पास चले जाएंगे, जिस उद्देश्य के लिए परमात्मा ने उनको यहां भेजा है। यह खुद ही भगवान का रूप हैं।

4-5 वर्ष की उम्र में पूजनीय परम जी से प्राप्त किया गुरूमंत्र

आप जी ने बाल अवस्था के दौरान ही 4-5 वर्ष की उम्र में परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से गुरूमंत्र की अनमोल दात ग्रहण की तथा निरंतर रूहानी सत्संग पर आते और परम पिताजी का प्यार प्राप्त करते। आप जी हर बार सत्संग में नए लागों को अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली में लेकर आते तथा पूजनीय परम पिता जी से नाम की अनमोल दात दिलवाते।

Param Pita Shah Satnam Singh ji Sachkahoon

अब हम जवान बनकर आए हैं, इस बॉडी में हम खुद काम करेंगे

पावन गुरगद्दी दिवस 23 सितंबर 1990 को पूजनीय परम पिता जी ने डेरा सच्चा सौदा की पवित्र मर्यादा अनुसार चमकीले फूलों का एक सुन्दर हार अपने पवित्र कर-कमलों से पूज्य गुरु जी के गले में डाला और अपनी पाक-पवित्र दृष्टि का प्रशाद (हलवे का प्रशाद) भेंट किया जो पावन हुक्म द्वारा उस पवित्र अवसर पर विशेष तौर पर तैयार किया गया था। इस शुभ अवसर पर साध-संगत में भी वह पवित्र प्रशाद बांटा गया। इस अवसर पर सच्चे पातशाह जी ने साध-संगत में फरमाया, अब हम जवान बनकर आए हैं। इस बॉडी में हम खुद काम करेंगे। किसी ने घबराना नहीं। ये हमारा ही रूप हैं। साध-संगत की सेवा व संभाल पहले से कई गुना बढ़कर होगी। डेरा व साध-संगत और नाम वाले जीव दिन दोगुनी रात चौगुनी, कई गुणा बढ़ेंगे।

जब पूज्य गुरु जी को देख, खिल उठे पूजनीय परम पिता जी

17 मई सन् 1989 दोपहर डेढ़ बजे पूजनीय परम पिता जी अपनी गाड़ी में बैठकर मलोट से भठिंडा के लिए रवाना हुए। भठिंडा पहुंचकर आप जी एक सत्संगी के घर ठहरे। वहां कई अच्छे डॉक्टरों से पूजनीय परम पिता जी के स्वास्थ्य की जांच करवाई गई, परन्तु किसी को कुछ समझ नहीं आया। वहीं जब साध-संगत को ये पता चला कि पूजनीय परम पिता जी भठिंडा में ठहरे हुए हैं तो आस-पास की सभी साध-संगत दर्शनों के लिए आने लगी। इसी दौरान श्री गुरुसर मोडिया, जिला श्रीगंगानगर से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (गुरगद्दी मिलने से पहले) भी परम पिता जी से मिलने के लिए पहुंचे। पूज्य परम पिता जी आप जी के आते ही पलंग पर उठकर तुरंत बैठ गए।

जैसे ही आप जी पूज्य परम पिता जी के पास पहुंचे तो पूज्य परम पिता जी का चेहरा प्रसन्नता से खिल उठा। पूजनीय परम पिता जी, पूज्य गुरु जी के साथ लंबे समय तक खूब बातें करते और अपनी रहमतोें को लुटाया करते। वहां मौजूद सभी जिम्मेवार इस दृश्य को देकर हैरान थे कि ज्यादा कमजोरी की वजह से जहां पूजनीय परम पिता जी को सेवादार सहारा देकर बैठाया करते थे, परन्तु आज पूजनीय परम पिता जी स्वयं ही उठकर बैठ गए।

अनगिनत मानवता भलाई के विश्व कीर्तिमान

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने करोड़ों लोगों को बुराइयों की दलदल से निकालकर मानवता, सच्चाई व नेकी के मार्ग चलाया। पूज्य गुरु जी ने 142 मानवता भलाई कार्य शुरू कर सामाजिक व नैतिक क्रांति का आगाज किया। जो आज पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। मानवता भलाई कार्यों में आज डेरा सच्चा सौदा के नाम एक-दो नहीं बल्कि 76 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स व एशिया बुक आॅफ रिकॉडर्स दर्ज हैं। अब तक मिले 76 वर्ल्ड रिकॉर्डों में से पूज्य गुरू जी के नाम रक्तदान, नेत्रदान, महा सफाई अभियान, पौधारोपण, सहित विभिन्न क्षेत्रों में गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स दर्ज हैं।

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इलाही वचन हुए सच

‘‘15 अगस्त सन-1967 को शाह सतनाम जी धाम सरसा में सुबह के समय, पूज्य परम पिता शाह सतनाम जी महाराज मजलिस के लिए तेरावास (गुफा) से बाहर आए, चेहरे पर विशेष रूहानी तेज, मंदमंद मुस्कान आते ही सेवादारों को हुक्म फरमाया, ‘‘आज स्टेज का मुंह पश्चिम की ओर करो, बेपरवाह मस्ताना जी ने जिस तीसरी बॉडी के लिए वचन किए थे, उस ताकत ने आज इधर (अंगुली से पश्चिम दिशा की ओर इशारा करते हुए) जन्म लिया है। पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने ये भी वचन फरमाए थे कि ‘हम थे, हम हैं और हम ही रहेंगे’ जो हमेशा चरितार्थ होते रहेंगे।

पावन अवतार दिवस पर नामचर्चा आज

सभी साध संगत को सूचित किया जाता है कि 15 अगस्त 2022 को संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के अवतार दिवस के उपलक्ष्य में डेरा सच्चा सौदा, सिरसा, हरियाणा में सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक नामचर्चा होगी जी । नामचर्चा का लाइव डेरा सच्चा सौदा के फेसबुक और यूट्यूब पर टेलीकास्ट होगा जी।
प्रबंधकीय समिति डेरा सच्चा सौदा

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