नवजात बच्चों को दें प्यार और स्नेह की खुराक

Child

बच्चे के नींद का चक्र सामान्य होना जरूरी

नवजात बच्चों को दें प्यार और स्नेह की खुराक एक मां के लिए अपने शिशु की देखभाल करना उनके जीवन के सबसे खास और पुरस्कृत अनुभवों में से एक होता है। लेकिन आपको यह समझ नहीं आएगा की आपको क्या करना है? आपको अपने बच्चे को निरंतर देख-भाल और ध्यान देने की आवश्यकता होगी। एक नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए, आपको यह जानने की आवश्यकता होगी की जो आपके बच्चे को आराम, जीविका और ध्यान की जरूरत है वह कैसे दें। इन्हीं सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ आज हैलो! डॉक्टर में हमारे साथ हैं जिला कुरुक्षेत्र के पिहोवा से चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर रवि गर्ग। जो ये बताएंगे कि किसी तरह एक मां अपने नवजात शिशु को प्यार और स्नेह की एक स्वस्थ खुराक दे सकती है। ताकि उनका लाडला हमेशा हंसता खिलखिलाता रहे।

नवजात शिशुओं को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए आराम की जरूरत होती है। कुछ बच्चे एक दिन में 16 घंटे आराम कर सकते हैं। हालांकि एक बार आपका बच्चा तीन महीने का या उससे बड़ा हो जाए तो, वह एक समय में 6-8 घंटे तक सोने में सक्षम होता है, प्रारंभ में, आपका बच्चा एक बार में केवल 2-3 घंटे के लिए सोता है और यदि उसने 4 घंटे से कुछ खाया नहीं है तो उसको नींद से उठाना पड़ता है। कुछ बच्चों को पैदा होने पर दिन और रात में भ्रम होता है। यदि आपका बच्चा रात में अधिक सक्रीय है तो, रात्रि उत्तेजना को सीमित करने के लिए रोशनी मंद रखें और धीमे बात करें, और तब तक तक धैर्य रखें जब तक आपके बच्चे का नींद का चक्र सामान्य नहीं हो जाता।

बच्चे को सुलाते समझ इन बातों का रखें ध्यान

यह सुनिश्चित करें की आप अपने बच्चे को उसकी पीठ के बल लिटाते रहे हैं ताकि सिड्स का जोखिम कम हो सके। आपको अपने बच्चे के सिर की स्थिति बदलते रहनी चाहिए। चाहे उसका झुकाव बायीं तरफ हो या फिरदायीं। ताकि वह “नरम जगह” को दूर कर सकें, जो की बच्चे के एक ही स्थिति में सोने की वजह से उसके चेहरे पर हो सकता है।

जन्म के पहले 24 घंटों के दौरान 8-12 बार स्तनपान जरूरी

यदि आप अपने बच्चे को स्तनपान करवाना चाहती हैं, तो उसकी सबसे अच्छी शुरूवात तब होगी जब पैदा होने के बाद आप उसे पहली बार अपनी गोद में लें और स्तनपान करवाएं। आपको अपने बच्चे के जन्म के पहले 24 घंटों के दौरान 8-12 बार स्तनपान करवाना चाहिए। आपको इसके लिए एक सख़्त सारणी बनाने की जरूरत नहीं, पर जब भी आपका शिशु भूख के लक्षण दिखाए तो उसे स्तनपान करवाना चाहिए।

Art, Baby Bathing

जैसे की मुंह की हरकतों में वृद्धि और निप्पल की तलाश में गतिविधि करना। आपको हर कुछ घंटों में स्तनपान करवाना चाहिए, यहाँ तक की जरूरत पड़ने पर उसे धीरे से उठा कर स्तनपान करवाएं। सुनिश्चित करें की आप आराम से बैठे हों। स्तनपान के लिए 40 मिनट तक का समय लग सकता है, इसलिए एक आरामदायक स्थान चुनें ताकि स्तनपान करवाते समय आपकी पीठ को सहारा मिले।

आपको बनना पड़ेगा डायपर विशेषज्ञ

आपको अपने नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए एक डायपर बदलने वाला विशेषज्ञ बनना पड़ेगा और वह भी बहुत तेज। आपको एक दिन में 10 बार के आस-पास अपने बच्चे के डायपर बदलने के लिए तैयार रहना चाहिये। अपने बच्चे का गन्दा डायपर निकालें। यदि वह गीला है तो, अपने बच्चे को पीठ के बल लिटाएं और डायपर हटायें और पानी वा खीसे का उपयोग करते हुए अपने बच्चे के जननांग क्षेत्र को साफ करें। लड़की की सफाई आगे से पीछे की ओर करें ताकि यूटीआई से बचा जा सके।

यदि आपको कोई चकत्ते दिखे तो, उस पर थोड़ा मरहम लगाएं। एक नया डायपर खोलें और धीरे से अपने बच्चे के पैर और टांगें उठा कर, उसे उसके नीचे सरकाएं। डायपर का सामने का हिस्सा बच्चे के पैरों के बीच से पेट के ऊपर की तरफ उठाएं। फिर चिपकने वाली स्ट्रिप्वस आगे लाएं आराम से उन्हें चिपका दें ताकि डायपर सही और सुरक्षित तरीके से लग जाए। हर रोज कुछ घंटों के लिए अपने बच्चे को बिना डायपर के रहने दें, ताकि बच्चे के निचले हिस्से में थोड़ी हवा लग सके और वह विकसित हो सकें।

Child-Care

अपने नवजात शिशु को संभालना जानें

आप यह देखकर हैरान होंगे की आपका नवजात शिशु कितना छोटा और नाजुक है, लेकिन कुछ बुनियादी तकनीकों के साथ,आप कुछ ही समय में अपने बच्चे को संभालने के बारे में और अधिक आत्मविश्वास महसूस करने लगेंगे। यहाँ कुछ चीजें पढ़ें जो आपको करनी चाहिए।

  • अपने बच्चे को पकड़ने से पहले अपने हाथों को धो लें और साफ कर लें। नवजात शिशु संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं, क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी इतनी मजबूत नहीं होती।
  • सुनिश्चित करें कि आपके हाथ और उन के हाथ जो आपके बच्चे को पकड़ते हैं, बच्चे से संपर्क बनाने से पहले साफ हों।
  • अपने बच्चे के सिर और गर्दन को सहारा दें। अपने बच्चे को पकड़ने के लिए, आप जब भी उसे उठाएं तो उसके सिर को आराम से पकड़ें और जब आप उसे सीधा खड़ा कर रहे हों या नीचे रख रहे हों तो उसके सिर को सहारा दें। बच्चे इस समय तक अपने सिर को सहारा नहीं दे सकते, इसलिए उसके सिर को यहां वहां न झुकने दें।
  • अपने बच्चे को झटके देने से बचें, चाहे आप उसके साथ खेल रहे हों या फिर नाराज हों। इस से मस्तिष्क में खून बह सकता है, जो मौत का कारण बन सकता है। ना ही, उसे झटके देकर उठाएं, इसके बजाय, उसके पैरों में गुदगुदी करें या यह एक कोमल स्पर्श दें।
  • अपने बच्चे को लपेटना सीखें। इस से पहले कि वो 2 महीने का हो, यह बच्चे को सुरक्षित महसूस कराने का एक अच्छा तरीका है।

नवजात शिशु को स्नान करवाएं

पहले सप्ताह के दौरान, आपको बहुत ध्यान से अपने बच्चे को एक स्पंज स्नान देना चाहिए। एक बार गर्भनाल निकल जाए तो, आप नियमित रूप से एक सप्ताह में दो से तीन बार अपने बच्चे का स्नान शुरू कर सकते हैं। इसे सही तरीके से करने के लिए,आपको अपनी सामग्री, जैसे की तोलिए, साबुन, एक साफ डायपर इत्यादि पहले ही एकत्रित कर लेना चाहिए। ताकि बच्चा परेशान न हो। जब आप पहली बार अपने बच्चे को स्नान कराते हैं तो आप थोड़ा घबरा सकते हैं। यदि ऐसा है तो आप अपने साथी या कोई एक परिवार के सदस्य को इस काम में शामिल कर सकते हैं। इस तरीके से, एक व्यक्ति बच्चे को पानी में पकड़ कर रख सकता है और दूसरा उसे नहला सकता है। नहलाते हुए हल्के साबुन का प्रयोग करें और वह आपके बच्चे की आँखों में न जाए इसलिए उसे संयम से लगाएं।

Children

गर्मियों में बच्चों के लिए सही कपड़े चुनें

यदि आपके पास बच्चे के बहुत सारे कपड़े हैं तो इससे आप उसे कई तरीकों से तैयार कर सकती हैं। गर्मियों में बच्चों को विशेष प्रकार के कपड़े पहनाने चाहिए ताकि उन्हें सांस लेने और उनका पसीना एब्सॉर्ब होने में मदद मिल सके। इस समय आप अपने बच्चे के लिए कॉटन के हल्के व सुविधाजनक कपड़े ही चुनें और सिंथेटिक व सिल्क के कपड़े उसे अन्य मौसम में पहनाएं। गर्मियों में गाढ़े रंग के कपड़ों का उपयोग बिलकुल भी न करें क्योंकि ये कपड़े गर्मी को सरलता से एब्सॉर्ब करते हैं और इसे पहनने से ज्यादा गर्मी लगती है।

गर्मियों में बच्चों को बेबी पाउडर और लोशन कम लगाएं

हाँ हम मानते हैं कि, पाउडर और लोशन लगाने से बच्चों की त्वचा हर समय हेल्दी और मुलायम रहती है। सामान्यतौर पर गर्मियों में बच्चों की त्वचा ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है। ऐसी स्थिति में पाउडर या लोशन लगाने से त्वचा बेहतर होने के बजाय उसमें खुजली हो सकती है। इसलिए गर्मियों के दिनों में बच्चे पर ऐसे प्रोडक्ट्स का उपयोग कम करना ही फायदेमंद है। (सच कहूँ/जसविंद्र)

नोट: प्यारे पाठकों ‘सच कहूँ हैलो! डॉक्टर’ का ये कॉलम आपको कैसा लगा? इस बारे में आप अपने विचार या कोई सुझाव ‘’सच कहूँ’ के साथ व्टसएप नंबर 97299-97712 पर जरूर सांझ करें।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।