कैसे बुझेगी आग, फायर स्टेशन में कर्मचारियों का टोटा?

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कर्मचारी 8 की बजाय 12 घंटे कर रहे ड्यूटी

सच कहूँ/कर्मबीर, जुलाना। जुलाना ब्लॉक में 39 गाँवों में आग बुझाने के लिए सिर्फ एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी है। आग बुझाने की जिम्मेवारी 10 कच्चे कर्मचारियों के भरोसे है तथा आग बुझाने के लिए जरूरी सामान भी नहीं है। ऐसे में अगर आगजनी की कोई बड़ी घटना हो जाती है तो दमकल विभाग (Fire Station) आकर आग पर काबू पा लेगा तो आप की भूल हो सकती है। क्योंकि फायर स्टेशन में स्टाफ ही पूरा नहीं है। फायर स्टेशन में 21 कर्मचारियों की जरूरत है तो केवल 11 कर्मचारियों के कंधों पर 39 गांवों का भार है।

गेहूं की कटाई के साथ गर्मी भी तेज हो गई है और आगजनी की घटनाओं का अंदेशा भी है। ऐसे में एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि अगर आग लगी तो उस पर काबू कैसे पाया जाएगा? जुलाना ब्लॉक के 39 गांव में सिर्फ एकही फायर ब्रिगेड गाड़ी है। यहीं नहीं दमकल विभाग के पास गाड़ियों में पानी भरने के लिए हाईडेंट या टैंक की भी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में गाड़ी के टैंक में पानी भरने में बहुत समय लग जाता है, तब तक आग भयकर रूप ले लेती है।

ऐसे में आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग के पास जरूरी समान की भी कमी है। गेहूं की कटाई के इस मौसम में तेज हवाएं चलती रहती हैं। बिजली के खंभे भी झुके हुए हैं तथा इन खंभों पर जर्जर तथा लटकती हुई तारें हैं, जो कभी भी टूट सकती हैं और बड़ी घटना को दावत दे सकती हैं। ऐसे में दमकल विभाग के पास कम से कम आग पर काबू पाने के लिए पर्याप्त गाड़ी व समान का होना जरूरी है।

कच्चे कर्मचारियों पर जुलाना का भार

जुलाना में आगजनी की घटना से निपटने के लिए पूरी जिम्मेदारी कच्चे कर्मचारियों के कंधों पर है। जुलाना में दमकल विभाग के पास कुल 11 कर्मचारियों का स्टाफ है। इनमें तीन चालक तथा 7 फायरमैन व 1 एएफएसओ हैं जबकि जुलाना कि फायर स्टेशन में 21 पद हैं, जिनमें से केवल 11 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। ऐसे में कर्मचारियों को 8 घंटे की बजाय 12 घंटे तक ड्यूटी करने पर मजबूर होना पड़ रही है। 12 घंटे ड्यूटी करने के बाद भी कर्मचारियों को 6 माह से वेतन नहीं मिल पाया है, जिसके चलते कर्मचारियों को आर्थिक संकट से होकर गुजरना पड़ रहा है।

आग पर काबू पाने के लिए जींद से बुलानी पड़ी गाड़ियां

जुलाना ब्लॉक में अगर आगजनी की कोई बड़ी घटना हो जाती है तो जींद दमकल विभाग से फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुलानी पड़ती है। जिससे आग ज्यादा फैल जाती है और नुकसान की आशंका ज्यादा बढ़ जाती रास्ता नहीं होने से भी आ सकती है बड़ी तबाही जुलाना के सभी पहुंचायक मार्गों की हालत खस्ता बनी हुई है। सभी सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं तो जींद-रोहतक मार्ग को फोर लेन करने का काम भी चला हुआ है, जिसके चलते घटना स्थल तक पहुंचने मेंं ही अधिक समय लग जाता है और घटनास्थल पर गाड़ी लेट पहुंचती है। समय लगने से आग इस तपती गर्मी में अधिक भयानक रूप ले लेती है।

फायर कर्मियों का विभाग मार्केट कमेटी से अलग हो गया था। जिसके लिए पोर्टल पर सभी कर्मचारियों का रिकार्ड चढ़ाना पड़ता है। सब काम पूरे हो गए हैं। जल्द ही कर्मचारियों के खातों में उनका वेतन आ जाएगा।

भूप सिंह, एफएसओ जींद।

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