बाइक व लाख रुपए नहीं दिए तो विवाहिता को बेरहमी से पीटा, मौत

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हनुमानगढ़। दहेज में मोटर साइकिल व एक लाख रुपए नकदी की मांग पूरी न करने पर ससुराल पक्ष के लोगों ने विवाहिता को इतना पीटा कि उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतका तीन व छह साल के दो बेटों की मां थी। महिला थाना पुलिस ने राजकीय जिला अस्पताल के मोर्चरी कक्ष में रखा शव शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। इस संबंध में महिला पुलिस थाना में मृतका के पति, सास, देवर व ननदों के खिलाफ हत्या व दहेज प्रताडऩा के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। जानकारी के अनुसार कृष्ण कुमार पुत्र केसर राम मेघवाल निवासी पंचकोसी तहसील अबोहर पंजाब ने अपने भानजे हरजिन्द्र कुमार पुत्र तेलुराम मेघवाल निवासी डबवाली चक खडग़सिंहवाला उर्फ डूमवाली हाल डबवाली हरियाणा के साथ थाना पहुंच रिपोर्ट दी कि उसकी पुत्री मनीषा की शादी 11 जुलाई 2014 को राधेश्याम पुत्र कृष्णलाल निवासी गांव हिरणावाली तहसील हनुमानगढ़ के साथ हुई थी। उसने अपनी पुत्री मनीषा की शादी में अपनी हैसियत के अनुसार दान-दहेज स्त्रीधन के रूप में दिया था। लेकिन मनीषा का पति राधेश्याम, सास सावित्री, देवर विनोद व दोनों ननदें सन्जू व सुनीता दिए गए दान-दहेज से खुश नहीं हुए। शादी के बाद से ही उसकी पुत्री के साथ और दहेज लाने की मांग को लेकर मारपीट करने लगे व प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। उसकी पुत्री यह सोच कर प्रताडऩा सहन करती रही कि बच्चा होने पर ससुराल पक्ष के व्यवहार में बदलाव आ जाएगा।

 गांव हिरणावाली का मामला, मेडिकल बोर्ड से हुआ शव का पोस्टमार्टम

इस दौरान मनीषा के दो बेटे पैदा हुए। दोनों बेटों के जन्म के समय भी उसने काफी सामान मनीषा के ससुराल पक्ष को दिया लेकिन उससे भी वे खुश नहीं हुए। उसकी पुत्री को एक मोटर साइकिल व एक लाख रुपए नकद लाने की बात कह तंग-परेशान करने लगे। इस मांग को लेकर मारपीट करते, भूखा-प्यासा रखते। इन सभी ने 2016 में दहेज की मांग को लेकर उसकी पुत्री मनीषा के साथ बेरहमी से मारपीट की। इससे मनीषा के गंभीर व जानलेवा चोट आई। तब मनीषा को टाउन के गेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया। गंभीर चोटों की वजह से मनीषा को तीन दिन बाद होश आया। तब ससुराल पक्ष के लोगों ने पंचायत कर अपनी गलती मानी व भविष्य में मनीषा के साथ मारपीट नहीं करने का आश्वासन दिया। लेकिन इसके बाद भी ससुराल पक्ष की प्रताडऩा कम नहीं हुई। वे मनीषा को प्रताडि़त व मारपीट करते रहे। लेकिन वह व मनीषा बच्चों के भविष्य को देख कर यह सोच कर चुप रहे कि कभी तो उनके व्यवहार में बदलाव आएगा। कृष्ण कुमार के अनुसार उसे गुरुवार को पता चला कि मनीषा को बुखार है जो जयपुर के किसी अस्पताल में भर्ती है। बाद में उसके जवाई राधेश्याम ने उसे बताया कि मनीषा की मृत्यु हो गई है।

मृतका के पति, सास, देवर व दो ननदों के खिलाफ हत्या व दहेज प्रताडऩा के आरोप में मुकदमा दर्ज

उसका शव हिरणावाली लेकर आ रहे हैं। तब वह अपने साथ पालाराम, राजेन्द्र कुमार, रमेश कुमार, नामदेव, रतनपाल, गोविन्द वगैरा को साथ लेकर हिरणावाली पहुंचा तो देखा कि उसकी पुत्री मनीषा के शव के मुंह, गले व शरीर के अन्य भागों पर चोटों के निशान थे। मुंह व नाक से खून आया हुआ था। कृष्ण कुमार के अनुसार एकराय होकर मनीषा के पति राधेश्याम, सास सावित्री, देवर विनोद व दोनों ननदों सन्जू व सुनीता ने दहेज की मांग को लेकर मनीषा को जान से मार दिया। ससुराल पक्ष के लोग चुपचाप मनीषा का दाह संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे, तब उसने व उसके साथ गए व्यक्तियों ने उन्हें रोका व मनीषा के शव को टाउन के राजकीय जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया। महिला पुलिस थाना में मृतका के पति, सास, देवर व ननदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। मामले की जांच सीओ सिटी प्रशान्त कौशिक कर रहे हैं। पुलिस ने शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव पीहर पक्ष को सौंप दिया।

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