धारा 4 और 5 लागू होने से रुक सकती है अवैध पेड़ो की कटाई
- वर्किंग प्लान के तहत 12 वर्ष पूरे कर चुके पेड़ो का मूल्यांकन करके लगाने होते है नये पेड़
कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Kaithal News: जिले में अवैध रूप से पेड़ो की कटाई आम बात हो चुकी है। कही न कही से पेड़ो की अवैध कटाई की शिकायत वन विभाग के अधिकारियो के पास आती रहती है। इक्का दुक्का मामलो को छोड़ दे तो ज्यादातर मामलो में देखा गया है कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। पिछले हफ्ते भी करनाल रोड पर कुछ पेड़ अवैध रूप से काटे गए थे जिसकी शिकायत भी वन विभाग को दी गयी थी। कुछ दिन पहले खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी गुहला सुमित ने चीका थाना की पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि हरिगढ़ के दो भाइयों ने तालाब के किनारे खड़े 20 सफेदे के पेड़ को बिना अनुमति के गैर कानूनी तरीके से काट दिया। Kaithal News
इसके अलावा वन विभाग के वर्किंग प्लान के तहत 12 साल पूरे कर चुके उन पेड़ो को का मुल्यांकन करके काटा जाता है जिनकी जड़े और टहने कमजोर हो चुके है। लेकिन इस पर कोई ख़ास काम नहीं हो रहा। वर्किंग प्लान के हिसाब से हर वर्ष पेड़ो की एक रिच की कटाई होती है। यह कटाई इसलिए होती है कि 12 वर्ष के बाद कुछ पेड़ो की जड़े कमजोर होने लगती है या वे सूखने लगते है जिस कारण आंधी तूफ़ान आने पर जिले में सैकड़ो की संख्या में पेड़ गिर जाते है। इसलिए उनके स्थान पर नये पौधे लगाये जाते है। ये एक सर्कल प्रक्रिया होती है। इस साल भी पूरे जिले में 10 हजार क्युबिक मीटर कटाई की जानी है।
धारा 4 और 5 लागू हो तो पेड़ काटने पर होता है मामला दर्ज | Kaithal News
वन विभाग के अधिकारियो ने बताया कि अगर जिले में वन विभाग की जनरल धारा 4 और 5 लागू हो जाये तो पेड़ो की अवैध कटाई रुक सकती है। धारा 4 और 5 लागू होने से सफेदा को छोड़कर बाकी पेड़ो को वन विभाग की इजाजत के बिना काटा नहीं जा सकता। अम्बाला यमुनानगर पंचकुला गुरुग्राम में धारा 4 और 5 लागू है जिस कारण वहां अवैध रूप से पेड़ो की कटाई का आंकड़ा कम है। अगर कैथल जिले में भी ये धारा लागू हो जाये तो पूरे जिले मे कही भीं कोई भी पेड़ है, वह वन विभाग के अंतर्गत आ जायेगा जिससे वन विभाग द्वारा पेड़ो की अवैध कटाई करने वालो के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जा सकेगा।
अधिकारियो के अनुसार धारा 4 में इतने कड़े नियम है कि बिना मंजूरी पेड़ काटना तो दूर की बात उसकी कटाई छटाई भी नहीं कर सकते। पिछले साल सेक्टर 19 में करीब 50 बड़े बड़े पेड़ काटे गये थे जिसके बाद वन विभाग ने कमेटी के पेड़ बताकर अपना पल्ला झाड लिया था। सफेदा, अमरुद, पोपुलर को धारा 4 और 5 से बाहर रखा गया है बाकि पीपल, बरगद, नीम, गुलर आम आदि ज्यादातर पेड़ो इसके अंतर्गत आते है।
वन विभाग के कर्मचारी पल्ला झाड़ने में पीछे नहीं
कई बार वन विभाग के कर्मचारियो की भी लापरवाही सामने आती है। जब कर्मचारियों या अधिकारियो को बताया जाता है कि यहाँ अवैध रूप से ये पेड़ काटा जा रहा है तो कर्मचारी ये कहकर अपना पल्ला झाड लेते है कि ये हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है, हम कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। पिछले दिनों भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब किसी व्यक्ति ने अवैध पेड़ काटने की शिकायत दी तो वन विभाग के कर्मचारी ने कहा कि ये तो मार्किट कमेटी के अंडर आता है ? लेकिन मुद्दे की बात ये है कि पर्यावरण को बचाना हैं तो सभी विभागों को आपसी तालमेल के साथ मिलकर चलना होगा। Kaithal News
जाँच के बाद कार्रवाई की जाती है: महेंद्र सिंह
कैथल जिले में धारा 4 और 5 अभी लागू नहीं है। हरियाणा के कुछ जिलो में ये लागू है। यहाँ भी अगर धारा 4 और 5 लागू हो जाये तो अवैध रूप से कटाई के मामलो में कमी आएगी। अब भी जहाँ अवैध रूप से कटाई का मामला सामने आता है , जाँच के बाद उचित कार्रवाई की जाती है। वहीँ वन विकास निगम के वर्किंग प्लान के तहत हर वर्ष पेड़ो की एक रिच की कटाई होती है, 12 वर्ष के हो चुके पेड़ो का मूल्यांकन किया जाता है और उसके बाद उन्हें काटकर नये पौधे रोपित किये जाते है।
-महेंद्र सिंह, सुपरिटेंडेंट, वन विभाग कैथल
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