Tax slab changes in India: नई दिल्ली। कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष ऋषि कुमार बागला ने गुरुवार को कहा कि हाल ही में किए गए जीएसटी सुधार से उद्योग जगत के लिए कर फाइल करना अब अधिक सरल और सहज हो गया है। इससे व्यापार के सुचारू संचालन और व्यावसायिक पारदर्शिता में वृद्धि होगी। GST 2.0 Reforms
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित सीआईआई कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए बागला ने बताया कि जीएसटी सुधार के तहत सरकार ने दो महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- कर स्लैब की संख्या कम कर केवल दो कर दिए गए हैं, जिससे उत्पादों की कीमतें घट गई हैं और उपभोक्ताओं के लिए चीजें अधिक सस्ती हो गई हैं।
- जीएसटी 2.0 के माध्यम से अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बनाया गया है, जिससे टैक्स फाइलिंग का कार्य आसान हुआ है और व्यापार में सहजता आई है। GST 2.0 Reforms
नए नियमों के अनुसार कर की दरें घटाई गई
बागला ने बताया कि ये सुधार 22 सितंबर से लागू हो गए हैं। नए नियमों के अनुसार लगभग 370 आवश्यक वस्तुओं और जीवनोपयोगी दवाओं पर कर की दरें घटाई गई हैं। पुराने चार कर स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर केवल दो कर स्लैब (5% और 18%) कर दिए गए हैं। इसके अलावा कई वस्तुओं पर कर शून्य कर दिया गया है, जिन पर पहले कर लगता था।
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से प्रगति कर रही है। सरकार का लगातार आधारभूत संरचना में निवेश, गाँवों को शहरों से जोड़ना और हवाईअड्डे व हाइवे का विकास आने वाले समय में रोजगार सृजन और नागरिकों की आय में वृद्धि को सुनिश्चित करेगा, जिससे उपभोग में भी बढ़ोतरी होगी।
अमेरिकी टैरिफ पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के प्रतिनिधि मंडलों के बीच बातचीत जारी है। प्रारंभिक प्रभाव छोटी अवधि में अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से भारत की घरेलू मांग पर्याप्त मजबूत है और इसका असर सीमित रहेगा। GST 2.0 Reforms