नाट्य प्रस्तुति से प्रभावित होकर बंदियों ने नशा न करने का लिया संकल्प

श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। जिला कारागृह में आज रैड आर्ट आरजे थियेटर ग्रुप के कलाकारों ने नशों के विरुद्ध एक पंजाबी नाटक का इस कदर प्रभावी मंचन किया कि बंदियों ही नहीं बल्कि आमंत्रित अतिथियों के मन मस्तिष्क को झकझौर दिया। नाट्य प्रस्तुति से प्रभावित होकर लगभग डेढ़ दर्जन बंदियों ने कभी भी नशा न करने का संकल्प लिया। रैड आर्ट आरजे थिएटर ग्रुप के कलाकार विक्रम ज्याणी ने अपनी 7 वर्षीय बेटी लक्ष्या और सह कलाकार सहीराम के साथ लगभग आधे घंटे के पंजाबी नाटक का दमदार अभिनय करते हुए बहुत ही भावपूर्ण मंचन किया।

बंदियों को अपने साथ जोड़ते हुए कलाकारों ने किशोरावस्था से लेकर बड़े बुजुर्गों तक में पहले नशे के प्रचलन पर बहुत ही करारी चोट मारी। कलाकारों ने जहां हास्य व्यंग से नशे की समस्या को उकेरा, वहीं बहुत ही मार्मिक और संवेदनशील दृश्य से घर और समाज पर पड रहे दुष्प्रभावों को समझाया। इसका समाधान भी बताया। नाटक की पंच लाइन-जिम्मेदारियों को उठा लो, अर्थियां उठाने से बच जाओगे, रही। अभिनय की दृष्टि से जहां विक्रम ज्याणी ने गहरी छाप छोड़ी, वहीं उनकी बेटी लक्ष्या ने कमाल का अभिनय किया।उसने जहां हास्य व्यंग्य के दृश्यों में गुदगुदाया वही, इमोशनल सीन्स में जानदार अभिनय से जान फूंकते हुए आंखों को नम कर दिया।

अभिनय के दौरान लक्ष्या ने पात्र की भूमिका को बहुत जीवंतता से अपने भीतर उतारा। नाट्य प्रस्तुति के बाद वह मंच के पीछे काफी देर तक रुंआसी होकर भावविह्वल रही। पिता विक्रम उसे पानी पिलाकर सामान्य करते दिखे। कार्यक्रम में उपस्थित गंगानगर पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती जसकंवलकौर और डॉ. जसमोहनसिंह ने लक्ष्या को जहां नकद पारितोषिक देने की घोषणा की, वहीं अपने स्कूल में 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा देने का भी ऐलान किया। पंचायती राज विभाग में कार्मिक विक्रम अपनी बेटी लक्ष्या के साथ पिछले तीन वर्षों से नशो के विरुद्ध रेड आर्ट आरजे थियेटर ग्रुप के जरिए नाटकों का मंचन कर रहे हैं। पिता पुत्री की यह जोड़ी पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय करने जा रही है। कलाकार सहीराम ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय किया।

मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर (सतर्कता) उम्मेद सिंह रत्नू ने नशा छोड़ने का संकल्प लेने वाले बंदियों से कहा कि वे दूसरे बंदियों को भी इसके लिए प्रेरित करें। एक अच्छे नागरिक बनकर जेल से बाहर जाएं और सामान्य जीवन बिताएं। उन्होंने पिछले कुछ समय से जेल का वातावरण सुधारने और बंदियों में सामाजिक सद्भाव की भावना को बनाए के लिए लगातार करवाए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।

जेल अधीक्षक डॉ अभिषेक शर्मा ने बताया कि जेआर टाटिया चैरिटेबल नशा मुक्ति केंद्र और गंगानगर पब्लिक स्कूल के सौजन्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया,जिसमें रैड आर्ट आरजे थियेटर ग्रुप ने नशा मुक्ति की भावना को जागृत करने के लिए बहुत ही ओतप्रोत नाटक की प्रस्तुति दी। बंदी केएल यादव ने विचार व्यक्त करते हुए बंदियों को नशा ना करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नई जिंदगी नशा मुक्ति केंद्र के डायरेक्टर अनिल वधवा, नगर परिषद में सहायक अभियंता अमनदीपकौर, केंद्रीय कारागृह के मुख्य पहरी मघाराम, संदीप कुमार पवन शर्मा पीपीएम, उप कारागृह सूरतगढ़ से उप कारपाल नरेश कुमार, अनूपगढ़ जेल के उपकारापाल सरजीतसिंह और जेल डिस्पेंसरी के डॉ. शिवप्रीतसिंह आदि शामिल हुए। जेल अधीक्षक ने बताया कि पिछले साढे 3 महीने में शहर की विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक संस्थाओं तथा संगठनों के सहयोग से इस तरह के छोटे-बड़े लगभग 20 कार्यक्रम करवाए गए हैं।

उन्होंने एक ऐसे बंदी से भी मिलवाया,जिसने जेल में रहते नशीली गोलियों का सेवन करना बंद कर दिया। इस बंदी ने बताया कि वह जेल में आया तो नशे की गोलियां खाने की उसे लत लग गई। वह एक दिन में 50 गोलियां तक खाने लगा। गोलियां खाने की ऐसी लत लगी कि 30-35 हजार रुपए महीने के वह इस पर ही खर्च कर देता था। अब वह बिल्कुल नशा छोड़ चुका है। दूसरे बंदियों को भी प्रेरित कर रहा है। कार्यक्रम का संचालन जेलर मदनलाल झाझडिया ने किया।

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