Kinnaur Cloudburst 2025: किन्नौर। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निचार उपमंडल के थाच गाँव में देर रात बादल फटने की घटना से चारों ओर तबाही का दृश्य देखने को मिला। रात करीब बारह बजे अचानक तीन नालों का जलस्तर बढ़ने से तेज़ बाढ़ आ गई, जिसके कारण खेत, बगीचे और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ का पानी गाँव में घुसते ही लोग घरों से निकलकर सुरक्षित स्थान की ओर भागे और कई ग्रामीण जंगलों में शरण लेने को विवश हुए। Kinnaur Cloudburst News
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तेज़ बहाव में दो वाहन पूरी तरह बह गए, जबकि मस्तान गाँव में घरों और एक पशुशाला को नुकसान पहुँचा है। कई सेब के बागानों को भी बाढ़ ने नष्ट कर दिया। रणवीर सहित कुछ ग्रामीणों के मकान ढहने की स्थिति में हैं। राजधानी शिमला में भी बारिश का असर देखने को मिला। एडवर्ड स्कूल के समीप भूस्खलन होने से मुख्य सर्कुलर रोड बंद करना पड़ा, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। इसी बीच, कुमासरन क्षेत्र के करेवाथी गाँव में एक तीन मंजिला भवन गिर गया, जो प्रदेशभर में भारी बारिश के दुष्प्रभाव को दर्शाता है।
अब तक राज्य में वर्षा और आपदा संबंधी घटनाओं में 424 लोगों की जान जा चुकी
आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक राज्य में वर्षा और आपदा संबंधी घटनाओं में 424 लोगों की जान जा चुकी है। इस सप्ताह की शुरुआत में ही चार और लोगों की मृत्यु हुई तथा छह लोग लापता बताए जा रहे हैं। 650 से अधिक सड़कों पर आवागमन रुका हुआ है, जिनमें कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। वहीं, बिजली और पेयजल की आपूर्ति बाधित है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल को “आपदा प्रभावित राज्य” घोषित करते हुए बताया कि पिछले तीन वर्षों में राज्य को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है। उन्होंने केंद्र सरकार से त्वरित आर्थिक सहयोग और व्यापक राहत पैकेज की माँग की है।
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले, मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र में भी बादल फटने की घटना ने भीषण तबाही मचाई थी। उस समय एचआरटीसी बसें और निजी वाहन बह गए थे तथा अनेक घर और दुकानें जलमग्न हो गई थीं। स्थानीय निवासियों ने इसे 2015 की बाढ़ से भी भयावह आपदा बताया। Kinnaur Cloudburst News
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