अगले 2 सालों में और मजबूत होगी भारतीय सेना

 अत्याधुनिक हथियार होंगे शामिल

नई दिल्ली। संसद में नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने एक रिपोर्ट पेश कर यह खुलासा किया गया है कि अगर भारत को युद्ध लड़ना पड़ता है, तो भारत के पास युद्ध करने के लिए पर्याप्त गोला बारूद नहीं हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बेशक भारत के पास 15 लाख जवानों का मजबूत सशस्त्र बल हो, लेकिन पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार होने में अभी उसे 2 साल और लगेंगे। इसके पीछे की वजह भारत ने जो रक्षा उपकरणों से संबंधित जो सौदे किए हैं, उन्हें आने में तकरीबन 2 साल का समय लगेगा। संसद में पेश हुई कैग की रिपोर्ट से हथियारों के मामले में भारतीय सेना की बदहाली का खुलासा हुआ।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च 2013 से सेना में हथियारों की गुणवत्ता और उपलब्धता को बढ़ाने के लिए कोई भी मजबूत कदम नहीं उठाया गया है। अभी भी भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना जरूरत पड़ने पर मौजूदा समय में लड़ सकती हैं। लेकिन भारत के पास केवल 10 दिन लड़ने के लिए ही गोला बारूद होगा। इतना कह सकते हैं कि बिना हथियारों के भारत किसी दुश्मन से प्रभावी तरीके से नहीं लड़ सकता। 2013 में जहां 10 दिन की अवधि के लिए 170 के मुकाबले 85 गोला-बारूद ही (50 फीसदी) उपलब्ध था, अब भी यह 152 के मुकाबले 61 (40 फीसदी) ही उपलब्ध है।

2019 तक होंगे भारत के पास सक्षम हथियार

अगले दो सालों में भारतीय सेना को रूस और इजरायल की तरफ से साल 2019 की पहली तिमाही में रॉकेट, ऐंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और अन्य कई महत्वपूर्ण और उच्च गुणवत्ता वाले हथियार मिलेंगे। इसके अलावा भारतीय वायुसेना को 2019 से 2022 के बीच में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान मिलेंगे। इसका समझौता बीते साल सितंबर में हुआ था।

कांग्रेस ने मांगा जवाब

कांग्रेस ने सेना के पास गोला बारूद की कमी संबंधी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पर कहा कि यह गंभीर मुद्दा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी सरकार को देश की जनता को इसका जवाब देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि देश की उत्तरी तथा पश्चिमी सीमा पर तनाव का माहौल है। इस स्थिति में देश के पास गोला बारूद कम होना चिंता का विषय है और मोदी तथा उनकी सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। सरकार को सेना की सभी जरूरतों को हर हाल में पूरा करना चाहिए।

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