Indian Rupee Update: नई दिल्ली। बुधवार, 3 दिसंबर को भारतीय रुपया मनोवैज्ञानिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण 90 के स्तर से नीचे फिसल गया और इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया। विशेषज्ञों के अनुसार व्यापार से जुड़े प्रवाह में कमी, पोर्टफोलियो निवेश की सुस्ती तथा भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर स्पष्टता के अभाव ने मुद्रा पर अतिरिक्त दबाव डाला है। INR Today
मंगलवार को रुपया अपने पुराने रिकॉर्ड 89.9475 को पार करते हुए अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.13 के स्तर तक कमजोर हो गया, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। रुपये की इस बड़ी गिरावट का असर घरेलू शेयर बाज़ार पर भी स्पष्ट दिखाई दिया। प्रमुख सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई, जहां निफ्टी 50 26,000 अंक से नीचे चला गया और सेंसेक्स लगभग 200 अंक टूट गया।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी.के. विजयकुमार के अनुसार, “लगातार गिर रहा रुपया बाज़ार में वास्तविक चिंता का विषय बन गया है। आरबीआई द्वारा हस्तक्षेप न किए जाने के कारण मुद्रा के और कमजोर होने की आशंका बनी हुई है, जिससे विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) बेहतर कॉर्पोरेट आय और मज़बूत GDP वृद्धि के बावजूद बिकवाली करने को मजबूर हैं।” उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रस्तावित भारत-अमेरिका व्यापार समझौता, जो संभवतः इसी माह हो सकता है, रुपये की गिरावट को रोक सकता है और स्थिति बदल भी सकती है। “हालाँकि अंतिम परिणाम इस बात पर निर्भर करेगा कि समझौते में भारत पर लगने वाले शुल्क (टैरिफ) की शर्तें क्या होंगी।” INR Today
अस्वीकरण
समाचार में दी गई जानकारी विभिन्न विश्लेषकों और ब्रोकरेज फर्मों की हैं, सच कहूँ इसकी पुष्टि नहीं करता है। निवेशक किसी भी निवेश निर्णय से पहले प्रमाणित वित्तीय विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें, क्योंकि बाज़ार की परिस्थितियाँ तेजी से बदल सकती हैं और निवेश जोखिमपूर्ण हो सकता है। INR Today















