Bullet Train in India: भारत की बुलेट ट्रेन टनल देगी जापान की साइकन टनल को टक्कर, समंदर के नीचे बिछेगी 23 किमी रेल पटरी, पानी के अंदर बनेगा स्टेशन

Bullet Train in India
Bullet Train in India: भारत की बुलेट ट्रेन टनल देगी जापान की साइकन टनल को टक्कर, समंदर के नीचे बिछेगी 23 किमी रेल पटरी, पानी के अंदर बनेगा स्टेशन

Bullet Train:  अनु सैनी । समुद्र के ऊपर जहाज चलते तो आपने देखे होंगे, लेकिन क्या कभी समुद्र के नीचे दौड़ती ट्रेन की कल्पना की है? अगर नहीं, तो अब यह सपना भारत में जल्द हकीकत बनने जा रहा है। जापान की तरह अब भारत में भी बुलेट ट्रेन समुद्र के नीचे दौड़ेगी। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 7 किलोमीटर लंबी अंडरवाटर टनल बनाई जा रही है, जो देश की पहली ऐसी सुरंग होगी। Bullet Train in India

जापान की साइकन टनल: दुनिया की सबसे लंबी समुद्र के नीचे सुरंग | Bullet Train in India

जापान में स्थित साइकन टनल (Seikan Tunnel) विश्व की सबसे लंबी समुद्र के नीचे बनी रेल सुरंग है। यह लगभग 53.85 किलोमीटर लंबी है, जिसमें से 23.3 किमी हिस्सा समुद्र के नीचे है। यह टनल जापान के हॉन्शू द्वीप को होक्काइडो द्वीप से जोड़ती है और त्सुगारू स्ट्रेट के नीचे से गुजरती है।
यह टनल 100 मीटर की गहराई पर बनी है — यानी लगभग 25 मंजिला इमारत जितनी गहरी। बाहर समुद्र की उफनती लहरें होती हैं, लेकिन टनल के भीतर सफर बेहद शांत और सुरक्षित रहता है।

पर्यटन का नया केंद्र

यह टनल न केवल एक तकनीकी चमत्कार है बल्कि जापान में एक बड़ा पर्यटक आकर्षण भी बन चुकी है।
यहां के दो स्टेशन — तप्पी-काइतेई और योइची — समुद्र के अंदर बने हैं। पर्यटक इन स्टेशनों पर उतरकर समुद्र की गहराइयों का अनोखा अनुभव ले सकते हैं।

कैसे बनी यह अद्भुत सुरंग

साइकन टनल के निर्माण का विचार 1954 में आया, जब एक भयंकर साइक्लोन में 5 फेरी डूब गईं और 1430 लोगों की जान चली गई। इस हादसे के बाद जापान सरकार ने ब्रिज के बजाय टनल बनाने का निर्णय लिया, क्योंकि समुद्र का उफान पुल को जोखिमभरा बनाता।
सबसे पहले एक पायलट टनल बनाई गई, जिसकी चौड़ाई मात्र 5 मीटर थी। 1983 में आखिरी ब्लास्ट के साथ यह पूरी हुई, और 1988 में साइकन टनल का उद्घाटन किया गया। इसकी लागत करीब 1.1 ट्रिलियन येन (लगभग 7 बिलियन डॉलर) आई, जो तय बजट से 12 गुना ज्यादा थी।

भारत की बुलेट ट्रेन: समुद्र के नीचे दौड़ने को तैयार

भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना — मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर — तेजी से निर्माणाधीन है। यह बुलेट ट्रेन मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से शुरू होगी। इसके तहत 21 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जा रही है, जिसमें से 7 किलोमीटर हिस्सा समुद्र के नीचे होगा। इस टनल की खुदाई के लिए विशेष टनल बोरिंग मशीन (TBM) चीन से मंगाई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह टनल जापान की साइकन टनल से भी ज्यादा आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत होगी।

तकनीक और पर्यटन का संगम

भारत में बनने वाली यह समुद्र के नीचे की रेल टनल न सिर्फ परिवहन का नया युग शुरू करेगी, बल्कि देश में पर्यटन, तकनीक और इंजीनियरिंग के नए आयाम भी स्थापित करेगी।
जहां जापान की साइकन टनल दुनिया भर के यात्रियों को आकर्षित करती है, वहीं भारत की बुलेट ट्रेन टनल आने वाले वर्षों में ‘मेड इन इंडिया चमत्कार’ के रूप में उभरेगी।
निष्कर्ष:-
समुद्र की लहरों के बीच से गुजरती यह बुलेट ट्रेन भारत के बुनियादी ढांचे का चेहरा बदल देगी। जिस तरह जापान ने साइकन टनल से इतिहास रचा, उसी तरह भारत भी अब तकनीकी क्षमता और नवाचार के नए अध्याय की ओर बढ़ रहा है।