सच कहूँ से विशेष बातचीत में नवनियुक्त एसपी की नशा तस्करों को दो टूक

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Sirsa सच कहूँ से विशेष बातचीत में नवनियुक्त एसपी की नशा तस्करों को दो टूक

सिरसा (रविन्द्र सिंह)। सिंथेटिक नशे के तेजी से फैलने पर सरकार व प्रशासन गंभीर चिंतित हैं। सीमांत जिले होने के कारण नशा तस्करी के रास्ते आसान बने हुए हैं और इसी चुनौती से निपटने के लिए हाल ही में जिला पुलिस कप्तान मयंक गुप्ता को हटाकर 2014 बैच के आईपीएस दीपक सहारण को सिरसा का नया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। रोहतक, हिसार और झज्जर जिलों में अपनी सेवाएँ दे चुके दीपक सहारण ने पदभार संभालते ही सक्रिय कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने सख्त नीति अपनाते हुए रानियां क्षेत्र के एसएचओ को निलंबित कर दिया और पीड़ित परिवारों से मिलकर तस्करों को स्पष्ट चेतावनी दी — “नशा बेचो या सिरसा छोड़ दो।”

सच कहूँ ने संवेदनशील मुद्दे पर आईपीएस दीपक सहारण से विशेष बातचीत की —

प्रश्न 1: सिरसा में नशा लगातार बढ़ रहा है। आप इस समस्या को कैसे नियंत्रित करेंगे?
आईपीएस दीपक सहारण: समस्या बेहद गंभीर है। इस पर हमारी तीन-स्तरीय रणनीति रहेगी — (1) नशा बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, (2) नशा के आदी लोगों का पुनर्वास और उनका इलाज, तथा (3) जन-जागरूकता अभियान। इसमें ड्रग कंट्रोल विभाग, पुलिस, समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करेंगे। हमारा लक्ष्य है कि ये समन्वित प्रयास सिरसा जिले से नशे की जड़ों को जड़ से उखाड़ दें।

प्रश्न 2: आपने ड्यूटी ज्वाइन करते ही सक्रियता दिखाई — जनता से आपकी क्या अपेक्षाएँ हैं?
आईपीएस दीपक सहारण: आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी बहुत जरूरी है। अभिभावकों से मेरी अपील है कि वे अपने बच्चों पर ध्यान दें। उनके साथ समय बिताएँ, उनकी संगति पर नजर रखें। युवाओं को समझाइए कि नशा जीवन को बर्बाद कर देता है। चिकित्सा नशे भी जानलेवा हो सकते हैं। यदि किसी पर यह लत हावी है तो उसका इलाज कराएँ। प्रशासन और समाज मिलकर ही इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं।

प्रश्न 3: नशा तस्करी की चेन तोड़ना कितना चुनौतीपूर्ण है?
आईपीएस दीपक सहारण: यह चुनौतीपूर्ण है, पर हमारी टीम पूरी तरह समर्पित है। हम अन्य विभागों व लोकल NGO का सहयोग लेकर कार्रवाई कर रहे हैं। तस्करों पर ऐसी कार्रवाई होगी कि वह अन्य अपराधियों के लिए उदाहरण बनेगी। सीमावर्ती इलाकों पर विशेष नाके व पेट्रोलिंग बढ़ाई जा रही है और संदिग्ध वाहनों की नियमित तलाशी हो रही है।

प्रश्न 4: तस्कर महिलाओं को आड़ में लेकर तस्करी करवा रहें हैं, इसे कैसे देखते हैं आप?
आईपीएस दीपक सहारण: नशे के सौदागरों के लिए न तो लिंग मायने रखता है और न ही वक्त। इसलिए हमारी कार्रवाई 24×7 है। सीमा क्षेत्रों पर विशेष नाके, रात में सघन जांच और गुप्त सूचनाओं के आधार पर छापेमारी जारी रहेगी। जो भी शामिल होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रश्न 5: शहर में केमिस्ट शॉप्स पर मैडीकल नशा भी बहुत ज्यादा पनप रहा है। इसके लिए क्या योजना है?
आईपीएस दीपक सहारण: हमने सभी कैमिस्ट एसोसिएशनों की बैठकें कर ली हैं। कैमिस्टों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है। यदि किसी की दुकान से कोई नशीला पदार्थ बेचा गया और उसके कारण किसी को नुकसान या मृत्यु हुई, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। यह उनकी पहली और आखिरी चेतावनी है — ऐसे कारोबार से जुड़ा कोई भी पक्ष दोषी पाया गया तो उसे लंबी सजा का सामना करना पड़ेगा।

प्रश्न 6: आख़िर में — आप नशा तस्करों व अपराधियों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
आईपीएस दीपक सहारण: जिन लोगों का जीवन अपराध और नशे से जुड़ा है, उनके लिए केवल एक जगह है सलाखों के पीछे। मैं उन लोगों से विनती करता हूँ कि यह रास्ता छोड़ दें। नहीं तो वे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। नए अधीक्षक की सक्रियता और समन्वित रणनीति से अपेक्षा की जा सकती है कि आगामी दिनों में तस्करी की कड़ी कमजोर होगी। परन्तु अंतिम सफलता के लिए प्रशासन के साथ-साथ समाज, अभिभावक और स्वास्थ्य संस्थानों की भी लगातार भागीदारी आवश्यक है।