मंगलुरु। कर्नाटक के प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल धर्मस्थल में चल रही सामूहिक दफन मामले की जांच के अंतर्गत विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार को लगातार सातवें दिन खुदाई जारी रखी। जांच दल ने इस दिन दफन स्थल संख्या 11 पर खुदाई कार्य प्रारंभ किया, हालांकि वहाँ से कोई विशेष सामग्री प्राप्त नहीं हुई। इस बीच, अधिकारियों को एक नए दफन स्थल की जानकारी मिली जिसे “दफन स्थान संख्या 14” नाम दिया गया है। यहाँ से मानव हड्डियों के अवशेष प्राप्त हुए हैं, जिन्हें चिकित्सकीय परीक्षण हेतु उडुपी स्थित केएमसी अस्पताल भेजा गया है। Mangaluru News
सोमवार को अचानक शुरू की गई खुदाई के दौरान लगभग 114 हड्डियाँ बरामद हुईं, जिससे मामला एक नए मोड़ पर पहुँच गया है। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि मृतकों की हत्या गर्दन साड़ी से कसकर की गई थी। खुदाई स्थल से एक लाल साड़ी भी बरामद की गई है। बरामद कंकालों में से एक पुरुष के अवशेष प्रतीत हो रहे हैं, जो भूमि की सतह से लगभग दो से तीन फीट नीचे पाए गए। हालांकि, अभी तक एसआईटी की ओर से इस विषय में कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
सूचना पर पहुँचा दल, खोपड़ी भी मिली | Mangaluru News
सूत्रों के अनुसार, जब दफन स्थल संख्या 11 पर खुदाई हो रही थी, तभी एक गोपनीय मुखबिर ने पास ही एक अन्य स्थान की जानकारी दी। वहाँ की गई खुदाई में मानव खोपड़ी और कई अन्य हड्डियाँ मिलीं, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। इस मामले में इचिलामपडी गांव के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता टी. जयंत ने विशेष जांच दल को शिकायत सौंपी है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक पुलिस अधिकारी ने नाबालिग लड़की के शव को बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए दफन करवा दिया।
पहले, एसआईटी प्रमुख श्री मोहंती ने यह कहा था कि खुदाई स्थलों से कोई महत्वपूर्ण वस्तु नहीं मिली। लेकिन बाद में जानकारी सामने आई कि पहले के एक दफन स्थल से “लक्ष्मी” नामक महिला का फटा हुआ वस्त्र और एक पैन कार्ड बरामद हुआ था। साथ ही, एक मुखबिर द्वारा मानव खोपड़ी सौंपे जाने की पुष्टि भी हुई है। Mangaluru News