सिंचाई पानी में कटौती का फिर से विरोध शुरू

  • किसानों ने मुख्य अभियंता का किया घेराव
  • लगातार 1200 क्यूसेक पानी चलाए जाने की मांग

HanumanGarh, Hardeep Singh: भाखड़ा सिंचाई प्रणाली की नहरों में तीन में से एक समूह चलाकर 850 क्यूसेक पानी उपलब्ध करवाने का फिर से विरोध शुरू हो गया है। 31 मार्च तक लगातार 1200 क्यूसेक पानी चलाने की मांग को लेकर भाखड़ा क्षेत्र के काश्तकारों ने शुक्रवार को जल संसाधन विभाग (उत्तर) के मुख्य अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया। आक्रोशित काश्तकारों ने मुख्य अभियंता राजकुमार चौधरी का घेराव कर 1200 क्यूसेक से कम पानी चलाने पर आन्दोलन करने की चेतावनी दी। इससे पूर्व दोपहर को सैकड़ों काश्तकार सादुलशहर के पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष राजेन्द्र खिचड़ के नेतृत्व में मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंचे तथा घेराव-प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों ने बताया कि वर्तमान में भाखड़ा की नहरों में 1200 क्यूसेक पानी चल रहा है। सिंचाई विभाग द्वारा 21 दिसम्बर से 1200 की जगह 850 क्सूसेक पानी चलाया जाना प्रस्तावित है। 350 क्यूसेक पानी कटौती से फसलों को नुकसान होगा।

किसानों का कहना था कि अधिकतर काश्तकारों ने गेहूं की बिजाई की है। अगर गेहूं को समय पर पर्याप्त पानी नहीं मिला तो फसल खराब हो जाएगी। उन्होंने बताया कि बरसात की कमी रही है। क्षेत्र में भूमिगत जल फसल के लिए उचित नहीं है। ऐसी स्थिति में क्षेत्र का किसान नहरी पानी पर निर्भर हैं।

किसानों ने विभाग को दी चेतावनी
इस पर किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सिंचाई विभाग ने प्रस्तावित रेगुलेशन में बदलाव कर पर्याप्त सिंचाई पानी उपलब्ध नहीं करवाया तो 19 दिसम्बर को मुख्य अभियन्ता कार्यालय का घेराव-प्रदर्शन कर धरना दिया जाएगा। प्रदर्शन में हनुमान झोरड़, संजीव खिचड़, हरिसिंह, हाथियांवाली सहित भाखड़ा क्षेत्र के सैकड़ों काश्तकार शामिल थे।

पानी में कटौती न करने की मांग
सिंचाई विभाग के अधिकारी कम पानी होने का रोना रो रहे हैं। किसानों ने बताया कि गत 28 नवंबर को जिला कलेक्ट्रेट पर हुए धरना-प्रदर्शन के बाद प्रशासन की मध्यस्थता से हुई वार्ता में 15 दिन और किसानों को 1200 क्यूसेक पानी देने पर सहमति बनी थी। यह समयावधि 20 दिसम्बर को समाप्त हो रही है। वर्तमान में चल रहे रेगुलेशन में सिंचाई विभाग ने भविष्य में दिए जाने वाले पानी में से सात दिन काटकर पानी उपलब्ध करवाया था। उन्होंने बताया कि किसानों की मांग है कि वर्तमान में 1200 क्यूसेक पानी चलाया जाए तथा भविष्य में दिए जाने वाले पानी में कटौती कर दी जाए। उन्होंने क्षेत्र के किसानों एवं आमजन की भावना को देखते हुए भाखड़ा की नहरों में 1200 क्यूसेक पानी में किसी भी स्थिति में कटौती न करने की मांग की। वार्ता में मौजूद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बांधों में जल स्तर कम होने का हवाला देते हुए चार में से दो समूह पानी चलाया जाना असंभव बताया।