Drug Trafficking : नशा तस्करी पर लगाम जरूरी

Drug Trafficking

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हाल ही में पंजाब पुलिस ने 70 लाख से अधिक नशीली गोलियों के रैकेट का भंडाफोड़ किया। गिरफ्तार व्यक्ति हिमाचल प्रदेश की एक फैक्ट्री से पांच राज्यों में नशीली दवाएं सप्लाई कर रहे थे। भले ही गिरफ्तारियों और बरामदगी से नशीली दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला आंशिक रूप से टूटी है, लेकिन सबसे चिंताजनक बात यह है कि पता नहीं यह सप्लाई कब से हो रही थी और अब तक कितने लोगों तक पहुंच चुकी है। दूसरा सवाल भी अहम है कि पिछले एक दशक से अलग-अलग राज्यों की पुलिस नशे के खिलाफ काम कर रही है, जिसके मुताबिक अब तक नशे की तस्करी (Drug Trafficking) खत्म हो जानी चाहिए थी, लेकिन इतनी बड़ी पुलिस व्यवस्था होने के बावजूद भी नशे का काला कारोबार निर्विघ्न जारी है।

यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि गिरफ्तार तस्करों के पीछे शक्तिशाली लोगों का हाथ है, जिनकी शह पर इतने बड़े स्तर पर नशा तस्करी हो रही थी। वे कई राज्यों की पुलिस की मुस्तैदी के बावजूद भी अपना कारोबार कर रहे थे। शक्तिशाली लोगों का शिकंजे में न आना भी नशे नहीं रुकने का कारण है। यह भी स्वीकार करना होगा कि सरकार की नशा विरोधी नीतियों, पुलिस ढांचे और सामाजिक जागरूकता में कहीं न कहीं कमी है, जिसके कारण नशीली दवाओं की तस्करी जारी है। हमारी व्यवस्था को इतना मजबूत होना चाहिए कि नशा तस्करी निरंतर व बेलगाम न रहे।