नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज़)। Medical Store: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 22 सितंबर से होने वाले बदलावों के मद्देनजर पुराना स्टॉक समाप्त होने तक मेडिकल स्टोरों पर दवाइयों की नयी मूल्य सूची रखनी अनिवार्य होगी। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को आम तौर पर पूछे जाने वाले सवालों पर जारी एक स्पष्टीकरण में कहा है कि दवाओं की खेप वापस मंगाने और दोबारा लेबलिंग की जरूरत नहीं है लेकिन फार्मा कंपनियां/विपणन कंपनियां नयी मूल्य सूची जारी करेंगी जो डीलरों और मेडिकल स्टोर चलाने वाले खुदरा दुकानदारों के पास आम लोगों के देखने के लिए उपलब्ध होगी। इस मूल्य सूची की एक प्रति राज्य के ड्रग कंट्रोलर और स्थानीय सरकार को भी उपलब्ध करायी जायेगी। मंत्रालय ने कहा है कि अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) का लेबल दोबारा लगाने की जरूरत नहीं है। Medical Store
इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया है कि जीवन बीमा और व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पर कोई कर नहीं लगेगा। यदि कोई व्यक्ति अपने साथ परिवार के सदस्यों के लिए भी स्वास्थ्य बीमा लेता है तो वह भी कर मुक्त होगा। अब हर तरह के ड्रोन पर सपाट पांच प्रतिशत का कर लगेगा। वहीं, 7,500 रुपये रोजाना तक के होटल के कमरों के किराये पर पांच प्रतिशत कर ही लगेगा और इन इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ 18 प्रतिशत कर लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसी तरह, आरोग्य और सौंदर्य प्रसाधन सेवाओं पर भी सपाट पांच प्रतिशत कर लगेगा। ईंटों पर करों की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और इनपर 20 लाख रुपये की सीमा तक आईटीसी के बिना छह प्रतिशत तथा आईटीसी के साथ 12 प्रतिशत की दर से विशेष कर की व्यवस्था जारी रहेगी।
माल ढुलाई सेवा में विभिन्न परिवहन साधनों के इस्तेमाल की स्थिति में यदि किसी चरण में हवाई मार्ग का इस्तेमाल किया गया है तो 18 प्रतिशत और यदि नहीं किया गया है तो पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। मंत्रालय ने बताया है कि आॅनलाइन सामान बुक कराने पर यदि सामान की आपूर्ति सीधे उस व्यक्ति द्वारा की गयी है जो 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आता है तो आपूर्तिकर्ता को जीएसटी का भुगतान करना होगा। वहीं, यदि आपूर्तिकर्ता को जीएसटी से छूट प्राप्त है तो ई-कॉमर्स कंपनी 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान करेगी। Medical Store
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