रोजाना 15 किलोमीटर साइकिल चलाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा ‘जसबीर सिंह’

Save Environment

राजकीय महाविद्यालय रतिया में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हैं कार्यरत

नाथूसरी चोपटा(सच कहूँ/भगत सिंह)। वर्तमान समय में पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। आधुनिकता के दौर में सुविधाजनक चीजें पर्यावरण पर विपरीत असर डाल रही हैं। ऐसे में विभिन्न व्यक्ति, संस्था, क्लब आदि द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। ताकि पर्यावरण को शुद्ध (Save Environment) किया जा सकें। लोगों द्वारा वाहनों का कम प्रयोग करके साइकिल को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसी कड़ी में खंड के गांव रुपाणागंजा के जसबीर सिंह पिछले 3 महीनों से रोजाना 15 किलोमीटर साइकिल चलाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। राजकीय महाविद्यालय रतिया में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत जसबीर सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में वायु प्रदूषण बहुत बढ़ रहा है। ऐसे में प्रदूषण को कम करने के लिए हम सब को सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने बताया कि उनका मुख्य लक्ष्य लोगों को साइकिल चलाने के प्रति जागरूक करना है। साइकिल चलाने से सेहत बढिय़ा रहती है और बीमारियां भी दूर रहती है।

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बच्चों को भी साइकिल चलाने के लिए कर रहे जागरूक

जसबीर सिंह ने बताया कि वे पिछले करीब 3 महीनों से रोजाना 15 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। रास्ते में मिलने वाले बच्चों को भी में प्रेरित करते हैं। उन्हें साइकिल चलाने के महत्व के बारे जानकारी देते है। बच्चे भी इस अभियान में उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं। रोजाना कई किलोमीटर तक बच्चे उनके साथ साइकिलिंग करते हैं।

आसपास के गांवों के स्कूलों का करते हैं भ्रमण

असिस्टेंट प्रोफेसर जसवीर सिंह ने बताया कि वे अपनी इस साइकलिंग यात्रा के दौरान आसपास के गांव के सरकारी स्कूलों का भ्रमण करते हैं। गांव रुपाणा गंजा से शुरू करके वे अपनी साइकिल यात्रा को प्रतिदिन अलग अलग रुट को अपनाते हुए आसपास के गांव ढाबी कलां, ढाबी खुर्द, ठुईयां, शक्कर मंदोरी, शाहपुरिया, चाहरवाला, जांडवाला, पीलीमंदोरी, नहराना, रुपाणा बिश्नोइया, तरकांवली आदि गांव में जाते है। वे साइकिल के महत्व के बारे में गांव में मिलने वाले लोगों को बताते है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में साइकिल चलाना एक तो अच्छा व्यायाम है। इससे मोटापा व तनाव को दूर किया जा सकता है व इससे मन को शांति मिलती है व पढ़ाई में भी ज्यादा मन लगता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि हर रोज केवल 15 मिनट ही साइकिल चलाने से सेहत अच्छी रहती है।

यूनिवर्सिटी दोस्त से मिली साइकिल चलाने की प्रेरणा

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के मित्र मीठी सुरेरा गांव के सुभाष बरोड़ से उन्होंने रोजाना साईकिल चलाने की प्रेरणा ली। जसबीर सिंह ने बताया कि उनके मित्र सुभाष बरोड़ मीठी सुरेरा गांव में जियोग्राफी के प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। वे पिछले करीब पांच सालों से 30 किलोमीटर साइकिल रोजाना चलाते है। साथ ही वे जहां भी जाते है वहां अपने खुद से तैयार किए गए पौधे भी लगाते हैं । उन्हें रोज साइक्लिंग करते हुए देखकर ही साइकिल चलाने की प्रेरणा मिली।

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