…लहराता हमारे देश की शान तिरंगा

Patriotism of Dera Followers

अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) डेरा सच्चा सौदा, सरसा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के आह्वान पर शुरु किए गए 142 वें मानवता भलाई कार्य हर घर में तिरंगा देश की आन बान और शान को ऊंचा रखने का संकल्प के तहत हर घर में तिरंगा स्थापित कर लहराया जाने लगा है। ब्लॉक खुइयाँ सरवर के भंगीदास जोगिंदर बजाज इन्सां ने अपने घर की छत पर तिरंगा स्थापित कर उसे लहराता देख सैल्यूट किया।

उन्होंने ब्लॉक की समस्त साध-संगत को अपील करते कहा कि पूज्य गुरु जी के आह्वान पर साध-संगत तिरंगे की आन बान शान के लिए अपना जीवन व्यतीत करेगी। प्रत्येक डेरा श्रद्धालू अपने-अपने घरों में तिरंगा स्थापित कर अपने देश के प्रति देशभक्ति की भावना को जागृत कर दर्शाएं की हम अपने पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं के तहत देश के प्रति पूरी तरह समर्पित है। हम अपने देश के लिए सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर अग्रिम भूमिका अदा करते रहेंगे।

ध्यान में रखें ये नियम:

तिरंगा हर भारतीय की शान है, हर भारतीय को चाहिए कि वह अपने घर, आॅफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर शान के साथ तिरंगा फहराये परन्तु तिरंगे के सम्मान में हर देशवासी को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. झंडा हाथ से काते और बुने गए ऊनी, सूती, सिल्क या खादी से बना होना चाहिए। झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए। केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके झंडा लगाया या फहराया नहीं जा सकता।

2. सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है। रात के समय झंडा फहराने की अनुमति है लेकिन झंडा 100 फुट की ऊंचाई पर हो और झंडे पर रोशनी की व्यवस्था हो। झंडे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जा सकता। झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जाएगा सिवाय उन मौकों के जब सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराने के आदेश जारी किए गए हों।

3. झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता। किसी भी तरह फिजिकल डैमेज नहीं पहुंचा सकते। झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुमार्ना, या दोनों हो सकते हैं।

4. झंडे का कर्मशियल इस्तेमाल नहीं कर सकते। किसी को सलामी देने के लिए झंडे को झुकाया नहीं जाएगा। अगर कोई शख्स झंडे को किसी के आगे झुका देता हो, उसका वस्त्र बना देता हो, मूर्ति में लपेट देता हो या फिर किसी मृत व्यक्ति (शहीद आर्म्ड फोर्सेज के जवानों के अलावा) के शव पर डालता हो, तो इसे तिरंगे का अपमान माना जाएगा।

5. तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहनना गलत है। अगर कोई शख्स कमर के नीचे तिरंगे को कपड़ा बनाकर पहनता हो तो यह भी अपमान है। तिरंगे को अंडरगार्मेंट्स, रुमाल या कुशन आदि बनाकर भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

6. झंडे पर किसी तरह के अक्षर नहीं लिखे जाएंगे। खास मौकों और राष्ट्रीय दिवसों जैसे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराए जाने से पहले उसमें फूलों की पंखुड़ियां रखने में कोई आपत्ति नहीं है।

7. किसी कार्यक्रम में वक्ता की मेज को ढकने या मंच को सजाने में झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गाड़ी, रेलगाड़ी या वायुयान की छत, बगल या पीछे के हिस्से को ढकने में यूज नहीं कर सकते। झंडे का इस्तेमाल किसी इमारत में पर्दा लगाने के लिए नहीं किया जा सकता।

8. फहराए गए झंडे की स्थिति सम्मानजनक बरकरार होनी चाहिए। फटा या मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए। झंडा फट जाए, मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से पूरी तरह नष्ट कर दिया जाए।

9. यदि झंडे को किसी मंच पर फहराया जाता है, तो उसे इस प्रकार लगाया जाना चाहिए कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो झंडा उसके दाहिनी ओर रहे। एक तरीका यह भी है कि झंडे को वक्ता के पीछे दीवार के साथ और उससे ऊपर लेटी हुई स्थिति में प्रदर्शित किया जाए।

10. किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर नहीं लगाया जा सकता। इसके अलावा, फूलमाला, प्रतीक या अन्य कोई वस्तु झंडे के पोल के ऊपर रखी जाए।

11. भारतीय नागरिक अब रात में भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा सकते हैं। इसके लिए शर्त होगी कि झंडे का पोल वास्तव में लंबा हो और झंडा खुद भी चमके।

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