सांसद इकरा हसन से दुर्व्यवहार से कैराना के अधिवक्ताओं में उबाल

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Kairana सांसद इकरा हसन से दुर्व्यवहार से कैराना के अधिवक्ताओं में उबाल

कैराना(संदीप इन्सां)। कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के साथ में एडीएम प्रशासन सहारनपुर द्वारा किये गए दुर्व्यवहार से कैराना के अधिवक्ताओं में उबाल है। उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन-पत्र राजस्व निरीक्षक कैराना को सौंपकर एडीएम के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कराए जाने की मांग की है।

गुरुवार को कैराना के दर्जनों अधिवक्ता तहसील मुख्यालय पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को संबोधित ज्ञापन-पत्र राजस्व निरीक्षक अरविंद कुमार को सौंपा। बताया कि विगत एक जुलाई को कैराना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद इकरा हसन पूर्व सूचना देने के पश्चात एडीएम प्रशासन सहारनपुर से मिलने के लिए उनके कार्यालय में पहुंची थी। नगर पंचायत छुटमलपुर की निर्वाचित अध्यक्षा शमा परवीन भी उनके साथ में थी। मुलाकात का उद्देश्य जनसरोकार के कार्यों में आ रही समस्याओं को सीधे एडीएम प्रशासन के समक्ष रखना था। पूर्व में सूचित किये जाने के बावजूद एडीएम अपने कार्यालय में नही मिले और न ही उन्होंने सांसद का फोन रिसीव किया।

आरोप है कि एडीएम कार्यालय में तैनात कर्मचारियों ने सांसद को यह कहकर टालने का प्रयास किया गया कि जो कहना है उसे लिख कर दे जाइये। करीब दो घंटे पश्चात एडीएम अपने कार्यालय में आये, जिस पर सांसद ने पूर्व में सूचना दिए जाने के बावजूद ऑफिस में न मिलने तथा कॉल रिसीव न करने पर नाराजगी व्यक्त की। सांसद ने एडीएम के सामने नगर पंचायत छुटमलपुर की अध्यक्षा शमा परवीन के समक्ष आ रही समस्याओं से सम्बंधित विषयों को उठाया। आरोप है कि इस पर एडीएम ने पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर सांसद के सामने ही एक निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि को धमकाना व दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। आरोप है कि जब सांसद ने इस व्यवहार पर आपत्ति की तो एडीएम ने स्वयं सांसद को कहा, ‘आप मेरे कार्यालय से बाहर जाइये और जहां मेरी शिकायत करनी है कर दीजिए।’

पत्र में बताया कि सांसद के प्रति ऐसा आचरण न सिर्फ भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के द्वारा जारी निर्देशों का खुला उल्लंघन है, बल्कि सीधे तौर पर उनके संसदीय विशेषाधिकारों का हनन भी है। एडीएम के आचरण से आमजन व अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है। पत्र में प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल अपने स्तर से एडीएम के विरुद्ध लोकतांत्रिक मर्यादा एवं प्रशासनिक जवाबदेही के संदर्भ में कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु शासन को संस्तुति प्रेषित करने की मांग की गई है। इस अवसर पर राशिद अली, नसीम अहमद, मनीष कौशिक, सालिम अली, मोहम्मद मुस्तफा, अफजाल अहमद, अजय चौधरी, वीरेंद्र विश्वकर्मा, मोनू चौधरी, नायब सिद्दीकी, सरवेज जंग, सुशील कुमार, अरशद खान, नत्थू सिंह, अरुण आदि अधिवक्तागण तथा किसान नेता आमिर अली मौजूद रहे।