
नई दिल्ली। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के प्रत्युत्तर में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान एवं पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। इस सशक्त सैन्य अभियान के पश्चात पाकिस्तान ने सीमा क्षेत्र में मिसाइल, ड्रोन और अन्य हथियारों के माध्यम से उत्तर देने का प्रयास किया, किंतु भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इन सभी हमलों को विफल कर दिया। पाकिस्तान की कोई भी मिसाइल भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकी। India vs Pakistan War
इससे कुछ दिन पूर्व प्रारंभ किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना ने सीमापार आतंकवादी ठिकानों पर अत्यंत सटीक और प्रभावशाली हमले किए। इस अभियान ने वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर कार्यवाही करने का सामर्थ्य भी रखता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वायु रक्षा तंत्र को सशक्त बनाने हेतु उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। रक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण अधिग्रहणों के साथ, भारत ने रूसी एस-400 मिसाइल प्रणाली और फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमानों को अपने बेड़े में सम्मिलित किया। ये दोनों ही प्रणालियाँ हालिया हमलों को विफल करने में भारत की सहायता में सहायक सिद्ध हुई हैं। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली में हुए इन सुधारों में मानवरहित हवाई प्रणालियों (UAS), ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम, बराक-8 मिसाइलें, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तथा डीआरडीओ द्वारा विकसित ड्रोन रोधी तकनीकों का समावेश किया गया है। इन उपायों से एक मजबूत हवाई सुरक्षा कवच का निर्माण हुआ, जिसने पाकिस्तान के आक्रामक प्रयासों को निष्फल बना दिया।
प्रमुख रडार प्रणाली को भी निष्क्रिय कर दिया | India vs Pakistan War
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेनाओं ने न केवल आतंकी ठिकानों को समाप्त किया, बल्कि लाहौर स्थित चीनी आपूर्ति वाली एचक्यू-9 वायु रक्षा प्रणाली एवं प्रमुख रडार प्रणाली को भी निष्क्रिय कर दिया। 2014 के बाद से भारत ने रक्षा क्षेत्र में अनेक निर्णय लिए, जिनमें एस-400 ट्रायम्फ स्क्वाड्रनों की खरीद (35,000 करोड़ रुपये), इजरायली बराक-8 मिसाइल प्रणाली (2.5 अरब डॉलर) और स्वदेशी आकाश मिसाइलों का समावेश प्रमुख हैं। हाल ही में मैन-पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम भी सेना को सौंपे गए हैं, जो दुश्मन के यूएवी को निष्क्रिय करने में समर्थ हैं।
इसके अतिरिक्त, इजरायली मूल के हारोप ड्रोन, जिन्हें अब भारत में ही निर्मित किया जा रहा है, का प्रयोग कराची और लाहौर स्थित वायु रक्षा परिसंपत्तियों को नष्ट करने में किया गया। स्कैल्प और हैमर मिसाइलों से लैस राफेल लड़ाकू विमानों की रणनीतिक तैनाती ने इस अभियान को अभूतपूर्व सफलता दिलाई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत न केवल अपनी हवाई सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, अपितु शत्रु के क्षेत्र में प्रवेश कर निर्णायक कार्रवाई करने का संकल्प और साधन दोनों रखता है। India vs Pakistan War
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