जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के लिए देश में छिड़ी बहस, जानें पानीपत के गणमान्यों के विचार

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Panipat News: जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के लिए देश में छिड़ी बहस, जानें पानीपत के गणमान्यों के विचार

पानीपत (सच कहूँ/सन्नी कथूरिया)। Panipat News: देश में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाता है। लगातार दुनियाभर में बढ़ती जनसंख्या परेशानियों का सबब बनी हुई है। खासकर विकासशील देशों में जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर चिता का विषय है। इससे भारत देश भी पीछे नहीं है। जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के लिए देश में बहस छिड़ी हुई है। हम दो हमारे दो सुखी परिवार स्लोगन से लगातार जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं बावजूद इसके जनसंख्या कंट्रोल से बाहर है।

लोगों को जागरूक करने के लिए सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के साथ सरकार भी स्कूलों में, कॉलेज में,गांव में लगातार अभियान चलाकर अहम भूमिका निभा रही है।लोगों को संदेश दिया कि आज जनसंख्या को लेकर नहीं संभले तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम होंगे। जनसंख्या पर रोक लगाओ, विकास की गति बढ़ाओ। बढ़ती जनसंख्या एक दिन बनेगी बबार्दी, जनसंख्या नियंत्रण करके करो इसका निवारण आदि संदेश पोस्टर के माध्यम से समझाने का प्रयास किया गया।

बढ़ती जनसंख्या को लेकर शहर के लोगों के विचार | Panipat News

विश्व जनसंख्या दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य न केवल बढ़ती जनसंख्या और समाज राष्ट्र और पर्यावरण पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना है बल्कि इसे नियंत्रित करने के लिए जनता को शिक्षित करना भी है आइए, हम सभी मिलकर जागरूक बनें और जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को अपनाकर एक बेहतर और संतुलित समाज की ओर कदम बढ़ाएं।” छोटा-सा परिवार खुशियां हैं अपार ”
राजीव परुथी पीसीसी एकेडमी

संख्या में नहीं, संतुलन में है शक्ति

जब जनसंख्या नियंत्रण होगा, तभी विकास संभव होगा।
भविष्य की पीढ़ियों को एक स्वच्छ, सुरक्षित और संसाधनों से भरपूर दुनिया देने के लिए
आज ही संकल्प लें जागरूक बनें, जिम्मेदार बनें,
जनसंख्या नियंत्रण में सहभागी बनें।”
छोटे-छोटे निर्णय,बड़े बदलाव लाते हैं।
संयम और समझदारी से ही
समृद्ध राष्ट्र बनता है।
 -डॉ अनु कालड़ा ,पूर्व प्रधान- इन्नर व्हील मिडटाउन , कोर मेंबर -हेल्पेज औऱफन्स।

विश्व को बढ़ती आबादी की समस्या के प्रति लोगों को जगाना है।बच्चों को ईश्वर का उपहार ना बताओ, आबादी को बढ़ाकर प्रकृति का उपहास ना उड़ाओ। बढ़ती जनसंख्या से पर्यावरण में भी असर देखने को मिलता है जैसे-जैसे दुनिया में जनसंख्या बढ़ेगी वैसे-वैसे पर्यावरण नष्ट होंगे और बीमारियां फैलेगी। कोई भी वायरस आता है तो अधिक आबादी वाले देशों में जल्दी फैलता है हमें सतर्क रहकर जागरूक होना पड़ेगा और हम दो हमारे दो या हम दो हमारा एक का नारा कबूल करना होगा।
-डॉ रिंकू रुहल एसएमएच मेडिकेयर हॉस्पिटल, समालखा

विश्व जनसंख्या दिवस केवल जनसंख्या की संख्या गिनने का दिन नहीं है, बल्कि यह सोचने का दिन है कि हम संसाधनों, पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों के लिए क्या छोड़ रहे हैं।संतुलित जनसंख्या, सुरक्षित भविष्य की कुंजी है। आइए, हम सभी मिलकर जागरूक बनें और जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को अपनाकर एक बेहतर और संतुलित समाज की ओर कदम बढ़ाएं।छोटा परिवार, सुखी परिवार यही है उन्नत समाज की पहचान!”
-डॉ जयश्री गर्ग, प्रधानाचार्या – आई बी एल पब्लिक स्कूल।

विश्व के कई देशों में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। बढ़ती हुई जनसंख्या संसाधनों को भी कम करती है। भारत व चीन जैसे देशों में जनसंख्या का इतनी तीव्रता से बढ़ना बहुत ही खतरनाक है। यह एक बड़ा ही ज्वलंत विषय है, जो हमें यह सोचने को मजबूर करता है कि, हम किस प्रकार से इस पर अंकुश लगा सकते हैं। यह एक बड़ा ही गंभीर व विचारणीय विषय है। विश्व जनसंख्या दिवस पर मेरी यही इच्छा है कि हम सब इस गंभीर विषय की तरफ ध्यान दें। हमें अपने भविष्य को स्वर्णिम बनाने के लिए इस विषय के प्रति जागरूक होना होगा। आइए, हम सभी मिलकर जागरूक बनें और जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को अपनाकर एक बेहतर और संतुलित समाज की ओर कदम बढ़ाएं।”
-प्रियंका बठला ,विक्टर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल

11 जुलाई को दुनिया हर साल जनसंख्या दिवस मनाती है। बढ़ती जनसंख्या दुनिया के लिए खुशी नहीं बल्कि अब मुश्किल का पहलू बनती जा रही है, क्योंकि जिस हिसाब से दुनिया में आबादी बढ़ रही है. उस हिसाब से सुविधाएं नहीं हैं, लिहाजा बढ़ती आबादी लगातार जीवनस्तर पर असर डाल रही है और इसे बदतर बन रही है। ज्यादातर तीसरी दुनिया के देश बढ़ती आबादी के चलते और गरीब हो रहे हैं। Panipat News
-प्रिंसिपल मनीष घनघस आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल।

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