
Sharmistha Panoli’s interim bail: कोलकाता। सोशल मीडिया पर “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर अभिनेता-अभिनेत्रियों पर विवादित टिप्पणी करने वाली लॉ की छात्रा एवं सोशल मीडिया प्रभावक शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता उच्च न्यायालय (Kolkata High Court) से अंतरिम जमानत मिल गई है। न्यायमूर्ति राजा बसु की एकल पीठ ने उन्हें यह राहत दी है, साथ ही जमानत के साथ कई शर्तें भी निर्धारित की हैं, जिन्हें शर्मिष्ठा को मानना अनिवार्य होगा। Sharmistha Panoli News
शर्मिष्ठा के अधिवक्ता डीपी सिंह ने बताया कि न्यायालय ने माना है कि यह अपराध संज्ञेय श्रेणी का नहीं है, साथ ही उनकी गिरफ्तारी का कोई ठोस आधार स्पष्ट नहीं हो पाया है। वकील ने कहा कि यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा है, जिसमें धमकियों का पहलू भी शामिल है। शर्मिष्ठा ने न्यायालय में यह दावा किया कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं, अतः उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।
इन तर्कों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने जमानत प्रदान करने का निर्णय लिया। अदालत के आदेशानुसार, शर्मिष्ठा को अपना पासपोर्ट न्यायालय में जमा करना होगा तथा विदेश यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही, यदि उन्हें कहीं बाहर जाना हो तो उसके लिए न्यायालय से पूर्वानुमति लेनी होगी। शर्मिष्ठा के पिता ने इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “मैं अत्यंत प्रसन्न हूं कि मेरी बेटी को जमानत मिल गई है। अब केवल औपचारिकताएं पूरी करनी हैं, इसके बाद वह बाहर आ जाएगी।”
पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार प्राप्त है | Sharmistha Panoli News
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि जब भी शर्मिष्ठा को अदालत में उपस्थित होने को कहा जाएगा, उन्हें अनिवार्य रूप से हाज़िर होना होगा। साथ ही, बंगाल पुलिस को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं, क्योंकि शर्मिष्ठा ने स्पष्ट किया है कि उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही हैं। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा, “भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है। किंतु इस स्वतंत्रता का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से होना चाहिए। स्वतंत्रता का यह अर्थ नहीं कि कोई भी व्यक्ति कुछ भी बोले।” Sharmistha Panoli News
भारतीय दंड संहिता की धारा 35 का उल्लेख करते हुए न्यायालय ने कहा कि भले ही किसी अपराध की सज़ा सात वर्ष से कम हो, फिर भी पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार प्राप्त है। साथ ही, यह भी कहा गया कि हमारे देश में विभिन्न धर्मों, समुदायों और मतावलंबियों के लोग रहते हैं, अतः कोई भी वक्तव्य देने से पहले उसके सामाजिक प्रभाव पर विचार आवश्यक है।
ज्ञात हो कि शर्मिष्ठा पनोली पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कुछ अभिनेताओं पर निशाना साधा, जिन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” पर मौन साधा था। इस वीडियो में प्रयुक्त शब्दों को लेकर एक धर्म विशेष के अनुयायियों की भावनाओं के आहत होने का आरोप लगाया गया, जिसके बाद पुलिस ने 30 मई को उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अब कोलकाता उच्च न्यायालय से उन्हें अंतरिम राहत मिल गई है, परंतु मामला अभी न्यायिक प्रक्रिया के अधीन है। Sharmistha Panoli News
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