गुरुग्राम में फर्जी जीपीए तैयार करके एनआरआई व्यक्ति की 40 करोड़ की जमीन हड़पी

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गुरुग्राम में फर्जी जीपीए तैयार करके एनआरआई व्यक्ति की 40 करोड़ की जमीन हड़पी

15 कनाल 2 मरला जमीन को 6.6 करोड़ में खरीदने की बात कहकर कराई जीपीए

  • पुलिस ने जालसाज गिरोह के 5 सदस्यों समेत 5 को किया गिरफ्तार
  • आरोपियों की मदद करने में शामिल पुलिस का एसआई भी गिरफ्तार | Gurugram News

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा)। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में एक एनआरआई व्यक्ति की करीब 40 करोड़ रुपये की 15 कनाल 2 मरला जमीन के फर्जी कागजात तैयार करके उसकी रजिस्ट्री कराने का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में पुलिस के एक एसआई समेत 5 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। संभवत: गुरुग्राम में अब तक की यह एक ही व्यक्ति की जमीन के फर्जी वाड़े में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा है। आरोपियों ने इस 40 करोड़ की जमीन को मात्र 6.6 करोड़ रुपये में खरीदना दिखाकर जीपीए तैयार करवा ली।

जानकारी के अनुसार एक मार्च 2022 को पूर्ण मनचन्दा नाम व्यक्ति ने पुलिस आयुक्त गुरुग्राम को शिकायत दी थी कि कुछ लोगों ने एसपीआर रोड स्थित गांव बेगमपुर खटोला जिला गुरुग्राम में उनकी जमीन के फर्जी कागज तैयार करके उन्हें पंजीकृत कराया है। उनकी करोड़ों की जमीन को हड़प लिया है। इस शिकायत पर गुरुग्राम पुलिस ने जांच की और 16 मार्च 2022 को आरोपियों के खिलाफ थाना बादशाहपुर में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया।

एसआईटी की जांच में पता चला रिकॉर्ड रजिस्टर से फाड़ा गया पेज

वर्तमान पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ ने इस केस में एक एसआईटी गठित की व एसआईटी को इस केस से संंबंधित दस्तावेज, आरोपियों के बारे में जानकारी एकत्रित करने के दिशा-निर्देश दिए। एसआईटी द्वारा जीपीए के रिकॉर्ड की असल बही व जीपीए के रिकॉर्ड रजिस्टर की जांच की तो जीपीए के रिकॉर्ड रजिस्टर का वह पेज फटा मिला, जिसमें इस जमीन की जीपीए का इंद्राज किया गया था।

एसआई समेत पांच आरोपियों को किया है गिरफ्तार | Gurugram News

एसआईटी ने कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए चार आरोपियों को इस केस में गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान सुभाष चंद निवासी गांव टोडापुर हेलीमंडी जिला गुरुग्राम, टोनी निवासी गांव टोडापुर, संजय गोस्वामी रिकॉर्ड कीपर तहसील कालकाजी दिल्ली व गुरुग्राम के सूर्य विहार निवासी भीम सिंह राठी के रूप में हुई है। आरोपियों ने पूछताछ में अपना अपराध भी कबूल कर लिया है। इनमें से आरोपी सुभाष चंद ने कहा है कि वह एनआरआई व्यक्ति को जानता था। वह अधिकतर विदेश में रहते हैं। ऐसे में उनकी जमीन को हड़पने की योजना बनाई।

आरोपी सुभाष ने अपने भतीजे एडवोकेट टोनी को कहा कि यदि इस जमीन के कागजात अपने नाम हो जाएं तो अच्छा मुनाफा हो सकता है। योजनानुसार सबसे पहले सुभाष चन्द द्वारा जमीन का सजरा, मुटेशन व सेलडीड इत्यादि दस्तावेज हासिल की गई। टोनी ने कालकाजी तहसील में अपनी जान-पहचान का फायदा उठाकर रिकॉर्ड रूम में अस्थायी कर्मचारी संजय से मिला। अक्टूबर-2021 में संजय ने टोनी को वर्ष-1996 की असल बही दे दी। इसके बाद फर्जी जीपीए तैयार की गई और फर्जी जीपीए की कॉपी वर्ष 1996 की असल बही में लगा दी।

दिल्ली कालकाजी तहसील के कर्मचारी को भी दिए 5 लाख | Gurugram News

आरोपी संजय ने इस काम के बदले 5 लाख रुपये लिए। आरोपियों द्वारा इस फर्जीवाड़े में मेजर पीके मेहता नामक व्यक्ति को गवाह भी बनाया गया। पीके मेहता की वर्ष 2001 में एक हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो चुकी है। दूसरा गवाह एडवोकेट संदीप था, जिसके हस्ताक्षर आरोपी टोनी द्वारा किए गए। इसके बाद आरोपियों ने फर्जी जीपीए के आधार पर शिकायतकर्ता की 15 कनाल 2 मरले जमीन को भीम सिंह राठी, शैल नारंग व ओम भाटी द्वारा बताए गए विनोद नामक व्यक्तियों के नाम करा दी। Gurugram News

इस तरह से इन्होंने करीब 40 करोड़ रुपये कीमत की जमीन को 6.6 करोड़ रुपये में खरीदना दिखाकर एनआरआई व्यक्ति को चूना लगाया। पीडि़त मनचन्दा की शिकायत पर इस केस में जांच के दौरान जालसाजों को फायदा पहुंचाने वाले ईओडब्ल्यू शाखा में तैनात एसआई प्रदीप द्वारा भी आरोपियों से रुपये लेने का खुलासा हुआ है। पुलिस ने एसआई प्रदीप समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। Gurugram News

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