Allahabad High Court bail: प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र उमर अंसारी को बड़ी राहत प्रदान की है। अदालत ने शुक्रवार को गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत दर्ज एक मामले में उनकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली। उमर अंसारी पर यह आरोप था कि उन्होंने अपनी माता अफशां अंसारी के नाम से जाली दस्तावेज और फर्जी हस्ताक्षर तैयार करवाकर प्रशासन द्वारा ज़ब्त की गई संपत्ति को मुक्त कराने का प्रयास किया। Umar Ansari news
इस प्रकरण की सुनवाई न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी की पीठ ने की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उमर को जमानत दे दी। गौरतलब है कि इससे पूर्व गाज़ीपुर की अदालत ने 21 अगस्त को उमर की जमानत याचिका नामंजूर कर दी थी। उस निर्णय को चुनौती देते हुए उमर ने उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था। अब इस आदेश के बाद उनके जेल से बाहर आने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
यह मामला गाज़ीपुर जनपद के मोहम्मदाबाद थाने से संबंधित है, जहाँ थानाध्यक्ष की ओर से मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। पुलिस का कहना है कि उक्त विवादित संपत्ति सदर कोतवाली क्षेत्र के बल्लभ देवढ़ी दास मोहल्ले में स्थित है, जिसे जिलाधिकारी के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कुर्क किया गया था।
जांच में स्पष्ट हुआ कि संपत्ति छुड़ाने हेतु दाखिल किए गए दस्तावेज़ों पर वास्तविक हस्ताक्षर नहीं थे, बल्कि वे जाली थे। इस मामले में पुलिस ने चार अगस्त को उमर अंसारी को लखनऊ से गिरफ़्तार किया था। वर्तमान में वे कासगंज की पचलाना जेल में निरुद्ध हैं। वहीं, उनकी माता अफशां अंसारी अब भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं और उन पर पचास हज़ार रुपये का पुरस्कार घोषित है। Umar Ansari news
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