कष्ट निवारण समिति की बैठक में राज्यमंत्री कृष्ण बेदी
ने 30 में से 14 शिकायतों का किया निपटारा
- राज्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की तीन शिकायतों पर दिखाई तल्खी
सच कहूँ-सुनील वर्मा/सरसा। पंचायत भवन में शनिवार को आयोजित कष्ट निवारण समिति की बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी के समक्ष कुल 30 शिकायतें रखी गई जिनमें से 14 शिकायतों का मौके पर ही निपटान कर दिया गया तथा शेष शिकायतों बारे संबंधित अधिकारियों को तुरंत निपटान करने के निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री बेदी बैठक में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित आई चार शिकायतों पर जिला स्तर पर गठित बोर्ड की जांच से असंतुष्ट नजर आए और कहा कि सरसा में स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाने और स्वास्थ्य संबंधी मामलों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग चंडीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञ चिकित्सकों पर आधारित एक बोर्ड बनेगा।
इस बोर्ड में सरसा के एचसीएस अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा। यहीं तक नहीं बेदी ने आगे कहा कि जिलास्तर पर गठित पांच सदस्यीय चिकित्सीय जांच बोर्ड पर लोगों का भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संंवेदनशील मसले पर वे मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से भी मिलेंगे।
डॉ. आरके जैन पर केस दर्ज करने के आदेश, सिविल सर्जन को फटकार
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों पर खूब आरोप लगे। मंत्री ने एक शिकायत पर सरसा के चिकित्सक डॉ. आरके जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए। साथ ही मंत्री ने स्वास्थ्य से संबंधित मामलों पर जांच से खफा नजर आए और इस मामले पर सिविल सर्जन गोबिंद गुप्ता की भी क्लास लगाई। गांव हंजीरा निवासी सुभाष पुत्र रामेश्वर ने कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायत दी थी कि वह अपनी बेटी का नसबंदी का आॅप्रेशन करवाने के लिए मई 2017 में सिविल अस्पताल में गए।
सिविल अस्पताल में डा. सुभाषिनी जैन ने उन्हें नसबंदी का आॅप्रेशन प्राइवेट अस्पताल जैन आॅर्थो से करवाने को कहा। सुभाष का आरोप था कि डॉ. आरके जैन ने जल्दबाजी दिखाते हुए उसकी पुत्री का बिना चैकअप किए और बिना टैस्ट करवाए बेहोशी की असहनीय डोज का इंजैक्शन दे दिया। जिसके बाद उसकी बेटी कोमा में चली गई और तीन माह के बाद उसकी मौत हो गई।
आपको सीएम ने सिविल सर्जन लगाया है या डॉ. सिंगला ने?
ऐलनाबाद के वार्ड-5 निवासी रेणू रानी पत्नी राजेंद्र कुमार की शिकायत पर भी पेट में दर्द होने पर उन्होंने सरसा के चिकित्सक कपिल सिंगला को दिखाया। इस पर डॉ. सिंगला ने उनकी किडनी की नाड़ी ब्लॉक होने और पत्थरी होने का हवाला देते हुए आॅप्रेशन करने की बात कही। 2 लाख रुपए की राशि खर्च कर आॅप्रेशन करवाया, लेकिन उसके बाद भी दर्द नहीं रूका। पूरे मामले को सुनने के बाद मंत्री बेदी ने सिविल सर्जन को खरी-खरी सुनाई और यहां तक कहा कि उन्हें सिविल सर्जन मनोहर लाल ने बनाया है या कपिल सिंगला ने?
सरपंच को सस्पैंड करने के आदेश
इसी प्रकार से गांव चक्कां में बिना मंजूरी के 240 वृक्ष काटने पर गांव के सरपंच महेंद्र नारायण को सस्पैंड करने की अनुशंसा भी बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने की। गांव निवासी बृजलाल ने शिकायत की थी कि सरपंच ने बिना मंजूरी पंचायती भूमि एवं जलघर में खड़े करीब 240 पेड़ कटवा कर राशि हड़प ली।
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