नयी दिल्ली (वार्ता) विदेश नीति का कांग्रेस मॉडल सबसे बेहतर है लेकिन मोदी सरकार ने इसे नजरअंदाज किया है जिससे कई राष्ट्रों के साथ हमारी मित्रता कमजोर पडी है और नेपाल तथा भूटान जैसे पडोसियों के साथ भी संबंधों में खटास आयी है! कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने 84वें महा अधिवेशन में विदेश नीति के प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान यह बात कहते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार की अपनी कोई विदेश नीति नहीं है और उसने कांग्रेस सरकारों द्वारा स्थापित महत्वपूर्ण विदेश नीति को भी चौपट कर दिया है।
विदेश नीति संबंधी प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद इस पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए पार्टी के युवा नेता गौर गोगोई ने कहा कि नेपाल, भूटान, बंगलादेश, मालदीव, श्रीलंका आदि के साथ हमारे पहले से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं लेकिन मोदी सरकार में इन संबंधों में खटास आयी है और पहले जैसे मधुरता नहीं रही है। उन्होंने कांग्रेस मॉडल की विदेश नीति को सबसे बेहतर करार दिया और आहवान किया कि इसे ही आगे बढाया जाना चाहिए। उनका कहना था कि देश और दुनिया बदल रही है इसलिए बदले परिवेश में हमें भी बदलने की जरूरत है और ग्लोबलाइजेशन की जगह अब प्रोफेसनलाइजेशन को महत्व दिया जाना चाहिए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि निर्गुट आंदोलन कांग्रेस की देन है और पंडित नेहरू जब बोलते थे तो दुनिया उनको सुनने के लिए उत्सुक रहती थी। मोदी सरकार पाकिस्तान को लेकर बड़े दावे करती है और सर्जिकल स्ट्राइक को बडी और पहली उपलब्धि बताती रही है लेकिन जब सेना प्रमुख ने कहा ऐसे काम पहले भी हुए तो सरकार के तेवर कुछ हल्के पडे। यह सरकार सिर्फ प्रचार पर भरोसा करती है और विदेश नीति में उसी का इस्तेमाल करती है।