नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। केंद्र सरकार ने एक राजपत्रित अधिसूचना जारी कर आॅपरेशन सिंदूर सहित विभिन्न अभियानों के दौरान मातृ भूमि की रक्षा करते हुए असाधारण साहस और शौर्य का प्रदर्शन करने के लिए वीरता पुरस्कारों से सम्मानित भारत माता के रणबांकुरों की शौर्य गाथा की जानकारी दी है। गत चार से 10 अक्टूबर तक की इस साप्ताहिक अधिसूचना में आॅपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर करने वाले रणबांकुरोंं की बहादुरी का जिक्र किया गया है।
अधिसूचना में आॅपरेशन सिंदूर में भूमिका के लिए वीर चक्र से सम्मानित रणबांकुरों के प्रशस्ति पत्रों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें कहा गया है कि सेना और वायु सेना के वीरों ने किस तरह प्रतिकूल परिस्थितियों में दुश्मन के क्षेत्र में निर्धारित लक्ष्यों को निशाना बनाकर आॅपरेशन के लक्ष्योंं को कैसे हासिल किया। जहां वायु सेना ने सटीक हवाई कार्रवाई से पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया वहीं सेना ने नियंत्रण रेखा से लगते पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के क्षेत्रों में भीषण गोलाबारी और ड्रोन के जरिये आतंकवादी ठिकानोंं को ध्वस्त कर दिया।
भारतीय वायु सेना की कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों की जवाबी कार्रवाई की कोशिश से आसमान से लड़ाकू विमानोंं की बमबारी शुरू हो गयी लेकिन भारतीय हवाई यौद्धाओंं ने अपने ठोस और सटीक हमलों से पाकिस्तान को सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाने के लिए मजबूर कर दिया। प्रशस्ति पत्रों के विवरण से पता चलता है कि वायु सेना और सेना के क्रमश हवाई और जमीनी अभियान ठोस रणनीति पर आधारित होने के कारण बहुत तेज और सटीक थे।
वीर चक्र से सम्मानित सेना के कर्नल कोषांक लांबा के प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि उन्होंने बिना समय गंवाए बहुत ही कम समय में एक विशेष उपकरण बैटरी प्रणाली को सक्रिया किया जिससे पूरी गोपनीयता के साथ”आॅपरेशन’ के लिए समय पर अंतर-कमान संचालन सुनिश्चित किया जा सका । इससे तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल से आॅपरेशन को अंजाम दिया जा सका। वीर चक्र से ही सम्मानित लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट के प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि कमांडिंग अफसर के तौर पर उन्होंने अपनी यूनिट को आतंकवादी शिविरों का पूरी तरह खात्मा करने के लिए संचालित कर जबरदस्त सफलता हासिल की।
आॅपरेशन सिंदूर के दौरान अपने सटीक हमलों तथा बचाव प्रणाली के रूप में चर्चित हुई एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली इकाई के कमांडिंग अफसर ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। उन्होंंने हवा में पाकिस्तानी विमानों को मार गिराने के साथ साथ अपने उपकरणों की भी रक्षा की। इसके अलावा अधिसूचना में वीर चक्र से सम्मानित राफेल स्क्वाड्रन के कमांडिंग आॅफिसर ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है । इन्हें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा मुख्यालयों पर हमले की जिÞम्मेदारी दी गयी थी।
इसके अलावा वीर चक्र से ही सम्मानित ग्रुप कैप्टन मनीष अरोड़ा ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों तथा जमीनी वायु रक्षा प्रणाली की गोलाबारी के बावजूद मिशन को अंजाम देने का उल्लेख किया गया है। वीर चक्र से ही सम्मानित ग्रुप कैप्टन कुणाल कालरा के प्रशस्ति पत्र में दुश्मन के हमलों का सामना करते हुए उड़ान के दौरान उनके विमान में आई समस्याओं के बावजूद सफल हमले करने की असाधारण बहादुरी का वर्णन किया गया है। वीर चक्र प्राप्त वायु सेना के विंग कमांडर जॉय चंद्रा के प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि उन्होंंने दुश्मन के लड़ाकू विमानों और जमीनी इकाइयों दोनों की गोलीबारी की परवाह किये बिना सफलतापूर्वक हमले कर अपने लक्ष्य हासिल किये। वीर चक्र से सम्मानित स्क्वाड्रन लीडर सार्थक कुमार ने हवाई अभियानों अवधारणा, समन्वय और उन्हें अंजाम देने कें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वीर चक्र विजेता स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह ने पूर्वनिर्धारित लक्ष्य पर स्टैंड-आॅफ सटीक हमले के अभियान में सफल योगदान दिया। वीर चक्र प्राप्त स्क्वाड्रन लीडर रिजवान मलिक ने रात में बिना किसी सुरक्षा कवरेज के पूर्वनिर्धारित लक्ष्यों को नेस्तनाबूद किया। वीर चक्र विजेता फ्लाइट लेफ्टिनेंट अर्शवीर सिंह ठाकुर ने भी रात के अंधेरे को चीरते हुए बिना सुरक्षा कवरेज के पूर्वनिर्धारित लक्ष्य को सटीक हमले से ध्वस्त किया।