ब्यास नदी में 55 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, कई गांवों की फसलें डूबीं
- प्रशासन ने बचाव शिविर बनाए, नावें व चिकित्सा दल तैनात
होशियारपुर (सच कहूँ न्यूज)। Hoshiarpur News: पंजाब के पोंग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण मंगलवार को होशियारपुर जिले के टांडा क्षेत्र के कई गांव जलमग्न हो गए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ब्यास नदी में 55,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जिसमें 38,055 क्यूसेक स्पिलवे गेटों से और 17,849 क्यूसेक पावरहाउस सुरंगों से छोड़ा गया। पोंग जलाशय का जलस्तर 1,375.90 फुट तक पहुंच गया है, जो इसके खतरे के निशान 1,390 फुट के करीब है। Hoshiarpur News
गंडोपवाल, रारा मंड, तल्ही, अब्दुल्लापुर, मेवा मियानी और फत्ता कुल्ला जैसे गांवों में नदी से सटे खेतों में खड़ी धान और गन्ने की फसलें जलमग्न हो गई हैं। फत्ता कुल्ला और अब्दुल्लापुर गांवों के कुछ हिस्सों में लगभग एक से दो फुट पानी भर गया है। दसूया के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट कंवलजीत सिंह, जो टांडा का भी प्रभार संभालते हैं, ने बताया कि दोनों गांवों के लगभग 50-50 निवासियों को बचाकर पास के राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। प्रशासन ने बचाव शिविर स्थापित कर दिए हैं, नावें उपलब्ध कराई गई हैं, भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है और चिकित्सा दल तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है।
ब्यास नदी में जल स्तर स्थिर, राहत व बचाव के पूरे इंतजाम, तटबंध पूरी तरह सुरक्षित
फगवाड़ा। Phagwara News: ब्यास नदी में बढ़ते जल स्तर के बीच, उपायुक्त अमित कुमार पंचाल ने मंगलवार को सुल्तानपुर लोधी के बाओपुर जदीद गांव में बाढ़ प्रभावित खेतों का दौरा किया। वे किसानों और स्थानीय लोगों के पास ट्रैक्टर से पहुंचे और मौके पर स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि जिला प्रशासन सभी जरूरी मदद देने के लिए पूरी तरह तैयार है और स्थानीय समुदायों के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए है।
पंचाल ने बाढ़-निवारण और राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए बताया कि नदी का जल स्तर 1.05 लाख क्यूसेक है और पिछले 12 घंटों में इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है। एसडीएम, जल निकासी, राजस्व व अन्य विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एहतियातन, बाओपुर जदीद के सरकारी हाई स्कूल और सरकारी प्राइमरी स्कूल को दो दिनों के लिए बंद रखने का आदेश दिया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी तैयार हैं। पंचाल ने बताया कि धुस्सी तटबंध को मजबूत करने के लिए मनरेगा योजना के तहत 20,000 रेत की बोरियां तैयार की जा रही हैं और तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है।
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