भोपाल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘कांग्रेस के तीन प्रकार के घोड़े’ संबंधी वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitendra (Jitu) Patwari) ने कटाक्ष किया कि “बारात के घोड़े” वे नेता हैं जो सत्ता की सवारी के लालची होते हैं और ऐसे ही लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की टिप्पणी उन नेताओं के लिए थी जो केवल सत्ता में बने रहने की मानसिकता रखते हैं। Madhya Pradesh News
जीतू पटवारी ने कहा कि “लंगड़े घोड़े” कहकर राहुल गांधी ने उन नेताओं पर निशाना साधा जो कांग्रेस से सब कुछ पाने के बाद भी कठिन समय में पार्टी का साथ छोड़ गए। यह स्पष्ट रूप से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ गए 22 विधायकों पर तंज था, जिनके पार्टी त्याग से कमलनाथ सरकार गिर गई थी।
पटवारी ने व्यापमं घोटाले पर भी भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में केवल आर्थिक अनियमितता ही नहीं हुई, बल्कि यह न्याय की हत्या भी थी। इस प्रकरण में 50 से अधिक संदिग्ध मौतें हुईं जिनमें विद्यार्थी, पत्रकार और संबंधित अधिकारी शामिल थे। आज तक किसी दोषी को दंड नहीं मिला और अधिकांश आरोपी बरी हो चुके हैं। उन्होंने पूछा – क्या यही वह रामराज्य है जिसकी भाजपा बात करती है?
एमपीपीएससी अब भ्रष्टाचार भर्ती केंद्र बन चुका है | Madhya Pradesh News
पुलिस कांस्टेबल भर्ती में हुए घोटाले पर बोलते हुए पटवारी ने आरोप लगाया कि एमपीपीएससी अब भ्रष्टाचार भर्ती केंद्र बन चुका है। इस परीक्षा में सॉल्वर गिरोह द्वारा फर्जी अभ्यर्थियों को बैठाया गया। अब तक 16 प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं, किंतु सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने पूर्व में हुई पटवारी भर्ती, प्राथमिक शिक्षक चयन और अन्य परीक्षाओं में भी इसी प्रकार के भ्रष्टाचार का उल्लेख किया।
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय द्वारा महिलाओं के वस्त्रों को लेकर दिए गए बयान पर पटवारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेताओं की सोच केवल महिलाओं के पहनावे तक सीमित है। चाहे वे कैलाश विजयवर्गीय हों या नरोत्तम मिश्रा, उनके वक्तव्य नारी गरिमा के प्रतिकूल हैं। उन्होंने पूछा – क्या यही ‘बेटी बचाओ’ अभियान है? क्या यही नारी सम्मान है?
पटवारी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए कहा कि यह समय चुप रहने का नहीं है। जब देश की बेटियाँ असुरक्षित हैं, युवा बेरोजगार हैं और भर्ती प्रक्रिया माफियाओं के शिकंजे में है – तब विपक्ष का धर्म है कि वह जनहित में आवाज उठाए और न्याय की मांग करे। Madhya Pradesh News
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