US H-1B visa fee hike: नई दिल्ली। भारत की सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग संस्था नैसकॉम ने शनिवार, 20 सितम्बर 2025 को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित H-1B वीज़ा शुल्क वृद्धि और उसकी तत्काल प्रभावी होने वाली समयसीमा चिंता का विषय है। US H-1B visa fee News
नैसकॉम का कहना है कि 21 सितम्बर 2025 से लागू होने वाला यह आदेश उन कंपनियों, पेशेवरों और छात्रों के लिए असमंजस की स्थिति पैदा करेगा जो अमेरिका में कार्य या अध्ययन के लिए H-1B वीज़ा पर निर्भर हैं। संस्था ने स्पष्ट किया कि इतनी कम अवधि में बदलाव लागू करना वैश्विक कारोबार और प्रतिभाओं के लिए असुविधाजनक साबित हो सकता है।
ट्रंप प्रशासन ने 19 सितम्बर को घोषणा की थी कि उच्च कौशल वाले विदेशी पेशेवरों के लिए H-1B वीज़ा का वार्षिक शुल्क बढ़ाकर 1 लाख अमेरिकी डॉलर किया जाएगा। इस फैसले का सीधा असर उन भारतीय आईटी पेशेवरों और कंपनियों पर पड़ेगा जो अमेरिका में कार्यरत हैं या वहाँ की कंपनियों के साथ अनुबंधित परियोजनाओं पर काम कर रही हैं।
नैसकॉम ने कहा कि वे आदेश की बारीकियों की समीक्षा कर रहे हैं, परंतु इतनी अधिक शुल्क वृद्धि न केवल अमेरिकी नवाचार तंत्र पर असर डालेगी, बल्कि रोजगार बाज़ार और आर्थिक संतुलन को भी प्रभावित कर सकती है।
उद्योग निकाय के अनुसार, अमेरिका में काम कर रही भारतीय आईटी कंपनियों को अब अपने ग्राहकों और साझेदारों के साथ मिलकर रणनीतियों में बदलाव करने होंगे, ताकि परियोजनाओं की निरंतरता बनी रहे और किसी प्रकार का व्यावसायिक अवरोध न आए। US H-1B visa fee News
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