Haryana News: गुरुग्राम, संजय कुमार मेहरा। एक मंझे हुए राजनेता के रूप में हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला खरी बात कहने में विश्वास रखते थे। उन्होंने कभी कागज पर लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ा। जो बोलते वो मुंह जुबानी बोलते थे। वर्ष 2000 में हरियाणा विधानसभा के चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला चुनाव प्रचार में इस बात को प्रमुखता से कहते कि राज कोई सदा नहीं करता। उनके भाषणों को सुनने के लिए जनता एक तरह से बंधी बैठी रहती थी। अपने भाषण के बीच में विकास कार्यों की बात कहते हुए वे कहते थे कि राज ना चौधरी देवीलाल ने सदा किया, राज ना बंसीलाल ने सदा किया, राज न भजनलाल ने सदा किया। राज करने वालों के इतिहास लिखे जाते हैं।
अगली पीढिय़ां इतिहास पढक़र ही यह जानती है कि किस राजनेता ने राज में आकर जनता की कितनी भलाई की। अपने इस तरह के भाषण से वे खूब तालियां बटोरते थे। शारीरिक दिव्यांगता के बावजूद 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने धुआंधार प्रचार करके पूरे हरियाणा में इनेलो की हवा बना दी। हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से 62 सीटों पर इनेलो ने उम्मीदवार उतारे थे और 47 सीटों पर चुनाव जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। दूूसरे नंबर पर कांगे्रस रही, जिसने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन 21 सीट ही जीत पाई। भारतीय जनता पार्टी ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और छह सीटें ही जीती। बहुजन समाज पार्टी ने 83 सीटों पर यह चुनाव लड़ा था, वह मात्र एक सीट ही जीत पाई।















