GST 2.0: महंगाई के दिन गए अब सस्ते में मौज करेगा भारत, ये चीजें इस तारीख से हो जाएगी सस्ती

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GST 2.0: महंगाई के दिन गए अब सस्ते में मौज करेगा भारत, ये चीजें इस तारीख से हो जाएगी सस्ती

अनु सैनी। GST 2.0: भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था लागू होने के बाद अब तक का सबसे बड़ा बदलाव प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से अपने संबोधन में इसका ऐलान किया और कहा कि दिवाली तक नया जीएसटी रिफॉर्म लागू किया जा सकता है। इस प्रस्ताव के तहत टैक्स संरचना को सरल बनाने और आम लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने का प्रयास किया गया है।

दो प्रमुख स्लैब का सुझाव – 5% और 18%

सरकार ने अधिकतर वस्तुओं और सेवाओं को दो मुख्य जीएसटी स्लैब – 5% और 18% में रखने का सुझाव दिया है।5% स्लैब में शिक्षा, स्वास्थ्य, दवाइयां, खाद्य सामग्री और कृषि उपकरण जैसे जरूरी सामान और सेवाएं रखी जाएंगी।18% स्लैब में टीवी, एसी, वाशिंग मशीन और अन्य घरेलू उपकरण शामिल होंगे, जिन पर अभी 28% टैक्स लगता है।
इस बदलाव से मिडिल क्लास परिवारों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है क्योंकि रोजमर्रा की जरूरत से जुड़े सामान सस्ते हो सकते हैं।

तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग पर 40% टैक्स

प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि कुछ ऐसी वस्तुएं और सेवाएं, जो स्वास्थ्य और समाज पर नकारात्मक असर डालती हैं, उन पर 40% का उच्च जीएसटी लगाया जाएगा।

तंबाकू उत्पादों पर भारी टैक्स का मकसद लोगों को इसके सेवन से हतोत्साहित करना है। इसी तरह, ऑनलाइन गेमिंग पर भी 40% टैक्स लगाने का सुझाव दिया गया है ताकि युवाओं में इसकी लत और आर्थिक नुकसान को नियंत्रित किया जा सके।

2017 के बाद सबसे बड़ा सुधार GST 2.0

अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे बड़ा संशोधन होगा। अब तक टैक्स संरचना में कई विसंगतियां और जटिलताएं थीं। इस सुधार का मकसद टैक्स सिस्टम को आसान बनाना, परिवारों और व्यवसायों की लागत घटाना और मौजूदा ढांचे में असमानताओं को खत्म करना है।

मध्यम वर्ग को बड़ा फायदा

सबसे बड़ा फायदा मिडिल क्लास को होने वाला है।
टीवी, एसी, फ्रिज, वाशिंग मशीन जैसी चीजों पर टैक्स 28% से घटकर 18% हो सकता है। बीमा सेवाओं पर टैक्स 18% से घटाकर 5% या शून्य तक लाने का सुझाव है। दवाइयों और मेडिकल प्रोडक्ट्स पर भी टैक्स कम करने की योजना है ताकि स्वास्थ्य सेवाएं अधिक सुलभ हो सकें।

शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

सरकार का जोर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता करने पर है।
स्कूलों और कॉलेजों से जुड़ी सेवाओं पर केवल 5% जीएसटी लगाने का प्रस्ताव है। दवाइयों और अस्पताल सेवाओं पर टैक्स में कटौती करके इन्हें आम लोगों की पहुंच में लाने का प्रयास होगा। इससे छात्रों, महिलाओं और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

कृषि क्षेत्र में राहत

एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए भी राहत प्रस्तावित है। स्प्रिंकलर और कृषि मशीनरी पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है। इससे किसानों की लागत कम होगी और आधुनिक तकनीक अपनाने में आसानी होगी।

किन चीजों पर जीएसटी नहीं लगेगा

कुछ वस्तुएं पहले की तरह जीएसटी व्यवस्था से बाहर रहेंगी।
पेट्रोलियम उत्पाद (डीजल, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस) पर जीएसटी लागू नहीं होगा।
सोना और चांदी जैसी कीमती धातुएं 3% टैक्स दर पर रहेंगी।
हीरे पर 0.25% टैक्स पहले की तरह जारी रहेगा।

कपड़ा और उर्वरक क्षेत्र में बदलाव

केंद्र सरकार ने कपड़ा उद्योग और उर्वरक क्षेत्र में भी जीएसटी सुधार का प्रस्ताव रखा है। कपड़ा उद्योग को राहत मिलने से रोजगार और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। उर्वरकों पर टैक्स कम करने से किसानों को खेती की लागत घटेगी।

केंद्र सरकार का कदम और आगे की प्रक्रिया

केंद्र सरकार ने दरों में बदलाव के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए तीन मंत्रिसमूह (GOM) को भेजा है। ये समितियां दरों को तर्कसंगत बनाने, मुआवजा देने और बीमा सेवाओं पर विचार करेंगी। इसके बाद जीएसटी काउंसिल इन सिफारिशों पर चर्चा करेगी। काउंसिल को योजना को मंजूर करने, बदलने या अस्वीकार करने का अधिकार है। उम्मीद है कि इस पर सितंबर या अक्टूबर की शुरुआत में विचार-विमर्श होगा।

दिवाली तक लागू हो सकता है नया ढांचा

प्रधानमंत्री मोदी ने साफ संकेत दिया है कि नया जीएसटी सुधार दिवाली तक लागू हो सकता है। इससे पहले 2017 में जीएसटी लागू होने पर इसे भारत का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताया गया था। अब एक बार फिर बड़े बदलाव की तैयारी है, जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा।

आम लोगों पर असर

अगर प्रस्ताव लागू होता है तो इसके नतीजे आम लोगों की जिंदगी में बड़े बदलाव ला सकते हैं:
1. जरूरी सामान सस्ते होंगे – शिक्षा, स्वास्थ्य, दवाइयां और खाद्य सामग्री कम दामों पर उपलब्ध होंगी।
2. घरेलू उपकरण किफायती होंगे – टीवी, एसी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसे उत्पाद सस्ते होंगे।
3. बीमा और सेवाओं पर राहत – बीमा प्रीमियम कम होगा, जिससे आम लोग आसानी से बीमा करा सकेंगे।
4. किसानों को सहारा – कृषि उपकरण सस्ते होने से खेती-किसानी की लागत घटेगी।
5. नकारात्मक वस्तुओं पर बोझ – तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग महंगे होंगे ताकि इनकी खपत और लत को रोका जा सके।

नया जीएसटी रिफॉर्म भारत की टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है। इसका मकसद न केवल परिवारों और मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ घटाना है, बल्कि किसानों, छात्रों और महिलाओं को राहत देना भी है।

हालांकि, अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल के हाथ में है। अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो दिवाली तक भारत को 2017 के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार देखने को मिलेगा।

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