उद्घाटन के इंतजार में स्कूल की नई इमारत

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समस्या: शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को जल्द शिफ्ट करने का भरोसा दिलवाया

भटिंडा (मनप्रीत मान)। भटिंडा जिला के गांव जयसिंहवाला में सरकारी प्राथमिक स्कूल आबादी से दूर बना हुआ है, जो गर्मी में मासूम बच्चों के लिए जी का जंजाल बन गया है। अब स्कूल की इमारत तो बनकर तैयार है लेकिन ग्रामीण व मासूम बच्चे स्कूल के उद्घाटन का इंतजार में बैठे हैं।

शिक्षा को लगा ग्रहण:

शिक्षा शिक्षा द्वारा सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के लिए पिछले माह में अध्यापकों ने विशेष रैलियां कर लोगों को जागरूक भी किया लेकिन इस तरह के स्कूलों की दूरी बच्चों की शिक्षा प्रभावित कर रही है।

आधा किलोमीटर की दूरी पर बना है स्कूल

गांव जयसिंहवाला का प्राथमिक स्कूल भी गांव की आबादी से दूर बना होने के कारण अभिभावक इन स्कूलों में अपने बच्चे पढ़ाने से गुरेज करते हैं। यह सरकारी प्राथमिक स्कूल गांव की आबादी से लगभग आधा किलोमीटर दूरी पर है। लिंक रोड पर बने इस स्कूल के सामने भी वाहनों का चलन ज्यादा रहता है, जिस कारण हर वक्त अभिभावकों को हादसा होने का डर बना रहता है। यही कारण है कि अभिभावक छोटे बच्चों को स्कूल नहीं भेजते।

बच्चे बेहाल:

नन्हें-मुन्ने बच्चें गर्मी से बेहाल हो जाते हैं, जब उन्हें कंधों पर भारी थैला उठाकर स्कूल से घर तक के तकरीबन एक किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है।

इमारत खस्ता:

इस प्राथमिक स्कूल की इमारत बनी को लगभग 50 साल से अधिक का समय हो चुका है। इमारत की हालत खस्ता हुई पड़ी है।

पंचायती जमीन पर बनाया स्कूल

ग्रामीणों ने समस्या को देखते हुए बेशक गांव की पंचायती जमीन व दानी सज्जन के सहयोग से प्राथमिक स्कूल की इमारत बना दी लेकिन इस इमारत में स्कूल के शिफ्ट होने का काम विभागीय कार्रवाई में लटका हुआ पड़ा जिस कारण स्कूली बच्चों को गर्मी के दिनों में मजबूरन दूर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ रहा है।

गांव के छोटे बच्चों की समस्या को देखते हुए पंचायती जमीन पर गुरुद्वारा प्रबंधक समिति व दानी सज्जन मघ्घर सिंह के सहयोग से इमारत तैयार कर दी गई। पंचायत द्वारा इस नई इमारत में जल्दी क्लासें शुरू करवाने के प्रयास जारी हैं।
-सरपंच महेन्द्र कौर

क्लब प्रधान ने गिनाए फायदे

  • गांव की आबादी में स्कूल होने से बच्चों की संख्या बढ़ेगी।
  • पहले ग्रामीणों को मजबूरन अपने छोटे बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में भेजना पड़ता था।
  • बच्चों की शिक्षा दर बढ़ेगी
  • अभिभावकों पर आर्थिक बोझ घटेगा

-जगतार सिंह, प्रधान शहीद भगत सिंह वेलफेयर क्लब

यह मामला मेरे संज्ञान में है। इमारत के मुकम्मल होने का शिक्षा विभाग से सर्टीफिकेट आना बाकी है। जैसे ही सर्टिफिकेट आ जाएगा क्लासों को नई इमारत में शिफ्ट कर देंगे।
-बलजीत सन्दोहा जिला शिक्षा अधिकारी एलीमेंट्री

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