
Body Donation: ओढ़ां (सच कहूँ/राजू)। इंसानी शरीर के अभाव में किसी समय में मेडिकल कॉलेजों में जीव-जंतुओं के मृत शरीरों पर शोध किया जाता था। ऐसे में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा शुरू की गई अमर सेवा मुहिम ने शोध की राह को आसान कर दिया। इस मुहिम के तहत बड़ी संख्या में साध-संगत ने प्रतिज्ञा पत्र भरते हुए ये प्रण लिया कि उनके मरणोपरांत उनकी मृत देह को जलाने की बजाय मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान कर दी जाए। इस मुहिम के तहत अब तक हजारों शरीर दान हो चुके हैं। Shri Jalalana Sahib News
बेटों ने बीते डेढ़ वर्ष पूर्व किया था पिता का शरीरदान
इस मुहिम में एक नाम और शामिल हुआ ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब के गांव कालांवाली निवासी निक्की देवी इन्सां का। उनकी मृत देह को इलाही नारों के बीच फूलों से सजी गाड़ी में मेडिकल कॉलेज के लिए अंतिम रवानगी दी। करीब 68 वर्षीय निक्की देवी इन्सां बीते बुधवार को सचखंड जा विराजी। निक्की देवी इन्सां ने पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम शब्द लिया हुआ था। उनके बेटों मंगा सिंह व जगतार सिंह ने बताया कि उनकी माता ने पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए मरणोपरांत शरीरदान करने के लिए प्रतिज्ञा पत्र भरा था। उन्होंने कई बार अपने प्रतिज्ञा पत्र का स्मरण करवाते हुए कहा भी कि उनके मरणोपरांत उनकी मृत देह मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान कर दी जाए।
अपनी माता की इस इच्छा को पूर्ण करते हुए उनके पुत्रों ने उनके मरणोपरांत उनकी मृत देह वर्ल्ड कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च एंड हॉस्पिटल, झज्जर को दान कर दी। ब्लॉक प्रेमी सेवक मुकेश इन्सां ने बताया कि निक्की देवी इन्सां गांव कालांवाली की दूसरी शरीरदानी के रूप में हमेशा याद रहेंगी। साध-संगत ने सचखंडवासी निक्की देवी इन्सां अमर रहे के नारे लगाकर व सैल्यूट कर उनकी मृत देह को फूलों से सजी गाड़ी में भावभीनी विदाई दी। बेटा-बेटी एक समान मुहिम के तहत उनकी अर्थी को कंधा उनकी बेटियों सुनीता रानी, वीरा कौर व जसवीर कौर तथा पुत्रवधू अमनदीप कौर ने दिया।
गुरमेल इन्सां को गांव कालांवाली के प्रथम शरीरदानी का गौरव प्राप्त हुआ था
गौरतलब हो कि 3 जून 2024 को मंगा सिंह व जगतार सिंह ने अपने पिता गुरमेल इन्सां के मरणोपरांत उनका शरीर मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान किया था। गुरमेल इन्सां को गांव कालांवाली के प्रथम शरीरदानी का गौरव प्राप्त हुआ था। पिता के बाद अब माता निक्की देवी इन्सां के सचखंड जा विराजने पर पुत्रों ने पिता की भांति मां का भी शरीरदान किया। निक्की देवी इन्सां को गांव कालांवाली की दूसरी शरीरदानी का गौरव प्राप्त हुआ।
निक्की देवी इन्सां के परिजनों ने उनका शरीरदान कर अति उत्तम कार्य किया है। उक्त परिवार ने कुछ समय पहले भी अपने पिता गुरमेल सिंह का शरीरदान किया था। एक ही घर से 2 शरीरदान का होना बहुत बड़ी बात है। उक्त परिवार ने उच्च सोच अपनाते हुए समाज की परवाह किए बगैर जो महान कार्य किया है उसके लिए मैं उनकी सराहना करता हूं। समाज में ऐसे उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैं। देह दान से न केवल मेडिकल के विद्यार्थियों को शिक्षा में मदद मिलेगी बल्कि समाज में भी जागृति आएगी। Shri Jalalana Sahib News
– अजैब सिंह, सरपंच (गांव कालांवाली)।














