स्वास्थ्य विभाग ने एकीकृत निक्षय दिवसों में खोजे 213 नये टीबी मरीज

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हर माह 15 तारीख को मनाया जाता है निक्षय दिवस

अब तक हो चुका है सात एकीकृत निक्षय दिवसों का आयोजन

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बुलन्दशहर (सच कहूँ न्यूज)। वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त (TB Free) बनाने की कवायद तेज हो रही है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जागरूकता फैलाने और टीबी मरीजों को खोजने के लिए चलाए जा रहे विशेष कार्यक्रम एकीकृत निक्षय दिवस मददगार साबित हो रहे हैं। जनपद में पिछले सात माह में स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाये गए एकीकृत निक्षय दिवसों में 213 टीबी मरीज खोजे जा चुके हैं। निक्षय दिवस में मिले सभी टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है। गौरतलब है कि जनपद में हर महीने की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। Bulandshahr News

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. हेमंत रस्तोगी ने बताया-जनपद में शासन के निर्देश पर हर महीने की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। निक्षय दिवस पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओपीडी में आने वाले दस प्रतिशत मरीजों की लक्षणों के आधार पर टीबी की स्क्रीनिंग की जाती है। अब तक सात एकीकृत निक्षय दिवसों का आयोजन किया जा चुका है। इसमें अब तक 8765 संभावित मरीज मिल चुके हैं, जिनमें टीबी जैसे लक्षण थे। इनमें 213 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई। इन सभी का तत्काल उपचार शुरू कर दिया गया है। Bulandshahr News

 डा. रस्तोगी ने कहा – क्षय उन्मूलन के लिए सबसे जरूरी है, टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान होना, जितनी जल्दी पहचान, उतनी जल्दी उपचार और उतनी ही जल्दी टीबी संक्रमण का फैलना बंद। क्षय रोग इकाई का पूरा फोकस है कि टीबी मरीजों की जल्दी से जल्दी पहचान हो। मरीज के खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों के सम्पर्क में आने से टीबी फैलती है। उपचार शुरू होने के बाद संक्रमण फैलने की आशंका कम हो जाती है। Bulandshahr News

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया-जनपद के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच व उपचार निशुल्क उपलब्ध है। जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों सहित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर भी 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन किया जाता है। कोई भी व्यक्ति निक्षय दिवस में पहुंचकर अपनी टीबी की जांच करा सकता है। जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर बलगम कलेक्शन की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की मदद से टीबी जांच करायी जा सकती है।

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