अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर जल्द लगेगा ब्रेक: जीडीए करेगा सख्त कार्रवाई
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में निबंधक, नगर निगम, विद्युत विभाग सहित सभी संबंधित एजेंसियों से मांगा जाएगा सहयोग; निजी बिल्डरों की मनमानी पर भी कसेगा शिकंजा
गाजियाबाद (सच कहूँ रविंद्र सिंह)। Ghaziabad News: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) अब अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर प्रभावी रोक लगाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाने जा रहा है। इस क्रम में प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स के नेतृत्व में सोमवार को अतिक्रमण विभाग की एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें अवैध कॉलोनियों में संपत्तियों की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए निबंधक कार्यालय सहित अन्य संबंधित विभागों से सहयोग लेने का निर्णय लिया गया। Ghaziabad News
बैठक के दौरान उपाध्यक्ष वत्स ने निर्देश दिए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु नगर निगम, विद्युत विभाग, निबंधक कार्यालय सहित सभी संबंधित एजेंसियों को पत्र भेजा जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी कोई भी रजिस्ट्री जो अवैध कॉलोनियों में हो रही है, उसे पूरी तरह रोका जाएगा।
निजी बिल्डरों की परियोजनाओं की गहराई से जांच | Ghaziabad News
बैठक में ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और एलआईजी (निम्न आय वर्ग) के लिए निर्धारित भवनों के निर्माण की स्थिति का भी मूल्यांकन किया गया। पाया गया कि कई निजी बिल्डर तय लक्ष्यों के अनुरूप निर्माण नहीं कर रहे हैं। ऐसे बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। जीडीए में आईजीआरएस (जन शिकायत निवारण प्रणाली) की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए यह निर्णय लिया गया कि प्रभारी विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी ) प्रतिदिन कम से कम 5 शिकायतों की गुणवत्ता की जांच सैंपल के रूप में करेंगे।
बस अड्डे और भवनों के एमओयू पर मंथन | Ghaziabad News
बैठक में इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन के हस्तांतरण से जुड़े एमओयू के बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही रोडवेज बस अड्डे पर निजी फर्म द्वारा किए जा रहे निर्माण में जीडीए की राजस्व हिस्सेदारी को लेकर गहन विमर्श हुआ।
उपाध्यक्ष ने कहा कि आधुनिक बस अड्डे के निर्माण में प्राधिकरण के हितों की रक्षा के लिए रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल जरूरी है। सील की गई इमारतों पर निगरानी और कार्रवाई के निर्देश दिए। और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश बैठक में दिए गए। उपाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि कानून तोड़ने वाले किसी भी पक्ष को बख्शा नहीं जाएगा।















