नोएडा आम्रपाली सिलिकॉन सिटी सोसायटी के रेजिडेंट का डिजिटल मंच पर फूटा गुस्सा, जानिए, क्या बोले

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Noida नोएडा आम्रपाली सिलिकॉन सिटी सोसायटी के रेजिडेंट का डिजिटल मंच पर फूटा गुस्सा, जानिए, क्या बोले

नोएडा (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। नोएडा के सेक्टर-76 स्थित आम्रपाली सिलिकॉन सिटी की अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (एओए ) पर अब तक चुप रहने वाले रेजिडेंट्स ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर खुलकर मोर्चा खोल दिया है। सोसायटी में ए टावर से लेकर जेड तक टावर है।इनमें तीन टावरों ए , सी डी, इ में अतिक्रमण के चलते पार्किंग की बड़ी समस्या बनी हुई है,जिसके चलते अन्य टावरों के रेजिडेंट की भी परेशानी उठनी पड़ रही है।जिसके चलते आय दिन सोसायटी के सुरक्षाकर्मीयों, बाउंसरो पर रेजिडेंट के साथ आय दिन एओए की सह पर अभद्रता करने का आरोप है।करोड़ी रुपए मेंटिनेंस के रूप में देने वाले सोसायटी के सैकड़ों रेजिडेंट मूलभूत सुविधाओं से मरहूम है।बेसमेंट में जलभराव,पार्किंग ,समय मुंह बाय खड़ी है,सोसायटी रेजिडेंट्स के अनुसार उन सभी समस्याओं का आज तक भी कोई पुख्ता सोल्यूशन, दर्जनों शिकायतों के बाद भी नहीं हुआ ।सिलिकॉन सिटी सोसायटी के एओए अध्यक्ष की कथित दबंगई, मनमानी और सुरक्षा कर्मियों के दुर्व्यवहार को लेकर रेजिडेंट्स खुलकर अपनी पीड़ा और आक्रोश साझा कर रहे हैं। कई रेजिडेंट्स ने एओए के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि कुछ लोगों ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए एओए का बचाव भी किया है।

आखिर सोशल मीडिया बना रेजिडेंट की आवाज़ उठाने का मंच

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वायरल हुई एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रियाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। निवासियों ने न केवल अपने साथ हुई घटनाएं साझा की, बल्कि एओए की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए। रेजिडेंट पंकज पांडेय ने लिखा कि ये सच है, सोसाइटी में कुछ लोगों की एओए में गुंडागर्दी चल रही है। माँ-बहन की गालियाँ दी जाती हैं, और जो आवाज उठाता है उसे बाउंसर धमकाते हैं। स्टिकर पॉलिसी ठीक हो सकती है, लेकिन गुंडाराज गलत है। रेजिडेंट नीतीश ने खबर पर कमेंट करते हुए कहा कि ये है सिलिकॉन सिटी का असली सच, कुछ दिन पहले हमारे दोस्तों के साथ भी ऐसा ही हुआ था। गौरव प्रकाश ने आरोप लगाया,लिखा कि मैं खुद इसका गवाह हूँ, एओए और सुरक्षा कर्मी अक्सर निवासियों से बदसलूकी करते हैं। हाल ही में मेरे साथ भी ऐसा हुआ और एओए ने कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे भ्रष्ट सिस्टम को भंग किया जाना चाहिए। दीपक पांडेय ने एओए के वित्तीय मामलों पर सवाल उठाते हुए एक्स पर कहा (लिखा) कि ये सिर्फ पार्किंग की नहीं, 20-30 करोड़ के फंड के गबन और फोरेंसिक ऑडिट की मांग का मुद्दा है। लेकिन डराने-धमकाने की राजनीति के जरिए मूल मुद्दों से ध्यान हटाया जा रहा है। @डॉ. एकेएस 2023 ने आरोप लगाया।एक्स पर प्रतिक्रिया में लिखा कि “10-12 लोगों का एक गैंग पूरी सोसाइटी में आतंक फैला रहा है। किसी ने जिम पर कब्जा कर उगाही की, अब मंदिर पर भी। अध्यक्ष खुद गालीबाज है और महिलाओं से भी अभद्रता करता है।”

कुछ रेजिडेंट्स ने एओए के समर्थन में भी लिखा

जहां एक ओर एओए की कार्यशैली पर उंगलियां उठ रही हैं, वहीं कुछ रेजिडेंट्स ने इस अभियान को प्रोपेगेंडा करार दिया है। रेजिडेंट साकेत शुक्ला ने लिखा,यह सब झूठा प्रचार है। स्टिकर अभियान पूरी तरह सुनियोजित है और निवासियों के हित में है।
दीपक कुमार ने मीडिया पर ही सवाल उठाया और लिखा कि पत्रकार महोदय, क्या आपने एओए से संपर्क कर सच्चाई जानने की कोशिश की? कुछ उपद्रवी अफवाह फैला रहे हैं और आप उन्हें सह दे रहे हैं। बता दें कि वो सोसायटी की बेसमेंट जलभराव आदि सोसायटी की समस्याओं से अनजान बनने का दिखावा करते नजर आये। उन्होंने खबर में निचे दिया गया एओए अध्यक्ष का दिया वर्जन भी नहीं पढ़ा और खबर पर सवाल खड़ा कर दिया।

सुरक्षा, पार्किंग और मूलभूत समस्याओं पर बढ़ता असंतोष

रेजिडेंट विक्रम सिंह ने लिखा कि अब तक एनबीसीसी और एओए ने पार्किंग आवंटन नहीं किया है। निवासियों को बाहर गाड़ी पार्क करने के लिए कहा जा रहा है। सुरक्षाकर्मी भी दुर्व्यवहार कर रहे हैं। रितेश आनंद ने एक्स पर सवाल उठाया लिखा कि कार स्टीकर लोगों की सुरक्षा से ज्यादा जरूरी कब से हो गए? पार्किंग की समस्या कुछ टावरों ए, सी की है, तो पूरी सोसाइटी को त्योहारों पर क्यों परेशान किया जा रहा है?

बेसमेंट जलभराव और प्रशासन की अनदेखी

सोसाइटी में बेसमेंट जलभराव की समस्या और शिकायत करने पर एओए द्वारा रेजिडेंट्स से की गई अभद्रता ने हालात को और भी बिगाड़ दिया है। अब रेजिडेंट्स जिला प्रशासन से इस मामले में तत्काल संज्ञान लेने की मांग कर रहे हैं।

जरूरत है तत्काल प्रशासनिक हस्तक्षेप की

रेजिडेंट्स का मानना है कि अगर जल्द ही जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। सोसाइटी के भीतर पारदर्शिता, जवाबदेही और गरिमा की बहाली के लिए निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई की मांग की जा रही है।खास बात यह है कि यह पूरी रिपोर्ट सोशल मीडिया(एक्स यानी ट्विटर )पर आधारित रेजिडेंट्स की प्रतिक्रियाओं एवं बयान के अनुसार तैयार की गई है।

जानिए, क्या बोले सिलिकॉन सिटी सोसायटी के एओए अध्यक्ष

एओए पक्ष से प्रतिक्रिया लेने को एओए अध्यक्ष अनिल सूद से जब रेजिडेंट की समस्याओं के बारे में जानकारी लेने का प्रयास हमारे संवाददाता ने किया तो उन्होंने दबंगई से बात करते हुए कहा की “आप क्या शिकायत निवारण अथॉरिटी हो” जो रेजिडेंट आपसे शिकायत क्यों कर रहे है ?, हमसे शिकायत करें, जिसको करनी है। और सब आरोप बेबुनियाद है यह कहकर पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने सही बात बताने और अपना पक्ष रखने की बजाय रिपोर्टर को ही धमकाने,दबाव में लेने का प्रयास किया। जबकि रेजिडेंट भय के कारण शिकायत नहीं करते है, क्योकि साथ बदतमीजी , अभद्रता होती है। और कुछ लोग अपना लक्ष्य साधने के चलते समय (कष्ट) होने के बावजूद पक्ष में बोलने का मात्र दिखवा कर रहे।लेकिन रिपोर्ट(जांच) के अनुसार ए, ,सी टावर के रेजिडेंट को छोड़कर डी से लेकर जेड टावर तक के लगभग सभी रेजिडेंट अंदरूनी सभी परेशान है ।